topi summary in hindi
class 8 chapter
Answers
इफ़्फ़न और टोपी यह दोनों पक्के मित्र थे। यह दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे थे परन्तु दोनों की आत्मा एक दूसरे से जुड़ी हुई थी।टोपी हिंदू धर्म का था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम।
परन्तु जब भी टोपी इफ़्फ़न के घर जाता था तो दादी के पास ही बैठता था। उनकी मीठी पूरबी बोली उसे बहुत अच्छी लगती थी। दादी पहले अम्मा का हाल चाल पूछतीं। दादी उसे रोज़ कुछ न कुछ खाने को देती परन्तु टोपी खाता नहीं था।
फिर भी उनका हर शब्द उसे गुड़ की डली सा लगता था। इसलिए उनका रिश्ता अटूट था। इफ़्फ़न की दादी जितना प्यार इफ़्फ़न को करती उतना ही टोपी को भी करती थी, टोपी से अपनत्व रखती थी। उनकी मृत्यु के बाद टोपी को ऐसा लगा मानो उस पर से दादी की छत्रछाया ही खत्म हो गई है। इसलिए टोपी को इफ़्फ़न की दादी की मृत्यु के बाद उसका घर खाली सा लगा।
टोपी शुक्ला।
Explanation:
टोपी शुक्ला दो अलग-अलग धर्म के बच्चों और एक बच्चे की बूढ़ी दादी के बीच स्नेह सम्बन्ध की कहानी है। इस कहानी में टोपी और इफ़्फ़न दो बहुत गहरे दोस्त हैं।
टोपी जहां हिंदू धर्म का है वही इफ़्फ़न मुसलमान है। टोपी जब भी इफ़्फ़न के घर जाता है वह दादी के पास जाकर उनकी मीठी पूर्वी बोली सुनता है। दादी टोपी को खाने के लिए कुछ न कुछ अवश्य देती है लेकिन टोपी कभी भी नहीं खाता है।
इफ़्फ़न की दादी और टोपी के बीच एक अच्छी अटूट रिश्ता बन गया था क्योंकि दादी टोपी को भी उतना ही प्यार करती थी जितना इफ़्फ़न से करती थी। इफ़्फ़न की दादी की मृत्यु हो गई तो टोपी को ऐसा लगा मानो उसके सर से दादी का साया हट गया है।इफ़्फ़न की दादी की मृत्यु के बाद टोपी को अपने दोस्त का घर खाली महसूस होता है।
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