Hindi, asked by prachi4371, 10 months ago

Topic:

मेरा चॉंद तक सफ़र
Paragraph on the topic for 5th class
Best is brainliest

Answers

Answered by babes1513silfa
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Answer:

इंसान के पहली बार चांद पर उतरने की 50वीं वर्षगांठ पर चंद्रयान- 2 का रोवर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखेगा। आंध्र प्रदेश से सटे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला यह मिशन अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का डंका बजा रहा है। विक्रम के चांद की धरती को छूते ही भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जो चांद तक पहुंचा है। बता दें कि, अपोलो 11 मिशन के जरिए नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने आज से 50 साल पहले चांद की जमीन पर कदम रखा था।

इसरो ने 3,84,400 किलोमीटर (2,40,000 मील) की यात्रा के लिए 'चंद्रयान 2' को तैयार करने में 960 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस मिशन से पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के रहस्यों को जानने में न सिर्फ भारत को मदद मिली बल्कि दुनिया के वैज्ञानिकों के ज्ञान में भी विस्तार होगा। जानिए अब तक के सफर के बारे में:

22 जुलाई 2019: चंद्रयान-2 को इसरो के अबतक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी मॉर्क 3 द्वारा अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। यह तीन चरणों वाला रॉकेट था जिसने चंद्रयान-2 को चंद्रमा के रास्ते के पास तक पहुंचाया।

24 जुलाई 2019: चंद्रयान-2 ने धरती की पहली परिक्रमा पूरी की। इस दौरान यान के इंजन को 48 सेकेंड के लिए चलाया गया था।

24 जुलाई से 6 अगस्त: इस दौरान चांद की तरफ बढ़ते हुए चंद्रयान-2 ने चार और परिक्रमा को पूरा किया। इस दौरान चंद्रयान-2 का परिक्रमा पथ 230 किमी गुणा 45163 किमी से लेकर 276 किमी गुणा 142975 किमी तक रहा।

20 अगस्त 2019: चंद्रयान-2 अर्थ ऑर्बिट से निकलकर लूनर ऑर्बिट में प्रवेश किया। लूनर ऑर्बिट में चंद्रयान-2 का पहला परिक्रमा पथ 118 किमी गुणा 4412 किमी का था।

2 सितंबर 2019: चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अलग हुआ। इसके साथ ही उसने चांद की परिक्रमा शुरू कर दी। हर परिक्रमा के साथ लैंडर विक्रम चांद के नजदीक जाता रहा।

7 सितंबर 2019: इस दिन अल सुबह लैंडर विक्रम चांद की सतह को छूएगा। इस दौरान चांद की सतह को छूने के ठीक पहले विक्रम में लगे इंजन को 6.5 सेकेंड के लिए चलाया जाएगा।

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