Topic - उत्तराखंड और कर्नाटक राज्यों के लोकनृत्यों के बारे में चित्र सहित फाइल पेज में लिखिए . please guys help me there its my project
Answers
Answer:
उत्तराखंड तथा कर्नाटक एक-दूसरे की संस्कृति से रूबरू होंगे। कुमाऊं विवि की ओर से एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के तहत सोमवार को एक क्लब का गठन कर दिया गया। कुलपति प्रो. केएस राणा ने अभियान के लिए प्रदेश की पहली वेबसाइट का शुभारंभ किया। मार्च में उत्तराखंड से 50 युवाओं का दल कर्नाटक के लिए रवाना होगा, जबकि कर्नाटक से युवा उत्तराखंड पहुंचेंगे।कुमाऊं विवि के स्वामी विवेकानंद भवन (हरमिटेज) में सोमवार को कुलपति प्रो. राणा ने रूसा के सहयोग से एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत तैयार की गई वेबसाइट www.ebsb-ku.com का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि क्लब के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कर्नाटक राज्य की संस्कृति, खानपान तथा रहन-सहन का परिचय दिया जाएगा। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 31 अक्तूबर 2015 को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत हर साल एक राज्य किसी अन्य राज्य का चयन कर संबंधित राज्य की भाषा, इतिहास, संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान आदि को अपनाएगा, जिसका पूरे देश में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। जबकि अगले वर्ष किसी अन्य राज्य का चयन किया जाएगा। इस तरह यह योजना पूरे देश में संचालित होने से राज्य आपस में संगठित होंगे। इस पहल से अनेकता में एकता का विकास होगा। कुविवि रूसा के नोडल अधिकारी प्रो. अतुल जोशी ने बताया कि भारत सरकार की योजना एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत मानव संसाधन मंत्रालय ने उत्तराखंड राज्य को कर्नाटक राज्य से जोड़ा है। कार्यक्रम के तहत विवि से 50 छात्र-छात्राओं का दल कर्नाटक, जबकि कर्नाटक राज्य के 50 युवाओं को उत्तराखंड राज्य का भ्रमण कराया जाएगा। इसके लिए वेबसाइट का निर्माण कंप्यूटर प्रोग्रामर केके पांडे ने किया है। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. महेश कुमार, वित्त अधिकारी दिनेश राणा, प्रो. दिव्या उपाध्याय, डॉ. कुमुद उपाध्याय, डॉ. सुचेतन साह, प्रो. युगल जोशी, विधान चौधरी आदि रहे।
Answer:
कर्नाटक के लोक नृत्य मुख्य रूप से ‘यक्षगान’ और ‘गुल्लू कुनिथा’ हैं। कर्नाटक भारत के उन चार दक्षिणी राज्यों में से एक है, जिनकी लोक नृत्यों की विरासत प्राचीन इतिहास से आज तक सही है। कर्नाटक के लोक नृत्यों के कई रूप हैं, जिन्हें हाल ही में भारत के कई हिस्सों से विद्वानों और कलाकारों का ध्यान आकर्षित किया गया है। कर्नाटक के कुछ प्रमुख लोक नृत्य ‘यक्षगान’ और ‘गुड़िया कुनिथा’ नृत्य हैं।