Train mein bethe do yatriyon ke beech hue paraspar samvad lagbhag 150 shabdon mein likhiye.
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Answer: एक यात्री दूसरे यात्री से कहता है कि आजकल रेलवे का कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। जब मर्जी होती है चलती है वरना लेट हो आती है।
हम यात्रियों को कितनी तकलीफ़ होती है। इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। पता नहीं कब तक ऐसा चलेगा।
कब वह दिन आएगा जब देश में रेलवे नंबर वन होगी और हम सब खुशी से रेल में चढ़ेंगे।
Romisha:
It's not in 150 words and it is not samvad.
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Answer: एक यात्री दूसरे यात्री से कहता है कि आजकल रेलवे का कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। जब मर्जी होती है चलती है वरना लेट हो आती है।
हम यात्रियों को कितनी तकलीफ़ होती है। इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। पता नहीं कब तक ऐसा चलेगा।
कब वह दिन आएगा जब देश में रेलवे नंबर वन होगी और हम सब खुशी से रेल में चढ़ेंगे।
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