Hindi, asked by dharshini2084, 11 months ago


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प्लेटलेट कण-ये चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करते हैं। प्लाज्मा में एक विशष प्रकार का प्रोटीन
होती है, जो रक्त वाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देता है। प्लटलेट कण
इस जाले में चिपक कर उस घाव को भर देते हैं और खून आना बंद हो जाता है।
गहरे घाव का उपचार-यदि किसी का घाव गहरा हो जाए तो पहले तो साफ़ कपड़े के साथ उस कसकर
बाँध देना चाहिए क्योंकि दबाव पड़ने से रक्त का बहना कम हो जाता है। घायल को शीघ्र ही उपचार हेतु डॉक्टर के
पास ले जाना चाहिए। कई बार कटे स्थान पर टाँके भी लगाए जाते हैं। ज्यादा रक्त बह जाने पर खून चढ़ाया भी जाता
रक्त दान-कई बार ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं कि मनुष्य के शरीर में खून की कमी हो जाती है। ऐसे में उस
व्यक्ति को खून चढ़ाया जाता है। खून की आवश्यकता केवल मनुष्य ही पूरी कर सकता है। इसलिए ऐसी आपात स्थिति
से निबटने के लिए ब्लड बैंक बनाए गए हैं जहाँ सभी किस्मों का रक्त उपलब्ध रहता है। डॉक्टर दीदी ने अनिल को
यह भी बताया कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में 300 मिली लीटर
रक्त लिया जाता है। रक्त दान करने के बाद कुछ ही दिनों में शरीर खून दोबारा बना लेता है। एक मनुष्य के शरीर
में पाँच लीटर खून होता है। रक्तदान करने से हम किसी ज़रूरत मंद का जीवन बचा सकते हैं।
2. शब्दार्थ व टिप्पणी​

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Answered by reshma986
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