Hindi, asked by usha9210272015, 10 months ago

tritiya state Ke Logon Ne Kya Mang Rakhi Thi yah Mang vartman Samajik aur rajnitik sthiti se kis Prakar sambandhit hai​

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Answered by manasbhor
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जब फ्रांस के सम्राट लुई सोलहवें ने करों के वृद्धि प्रस्ताव को पारित कराने के लिए एक मीटिंग बुलाई तो उसमें के फ्रांस की तीनों स्टेट जनरल को इस मीटिंग में बुलाया गया। इस मीटिंग में  हर स्टेट को एक वोट करने का अधिकार था। तब तृतीय स्टेट ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। क्योंकि तृतीय स्टेट की लोगों ने यह मांग रखी कि हर स्टेट के हर सदस्य को वोट करने का अधिकार होना चाहिए ना कि पूरी स्टेट को केवल 1 वोट करने का अधिकार हो। उनकी इस मांग को फ्रांस के सम्राट ने अस्वीकार कर दिया, इसके विरोध स्वरूप तृतीय स्टेज के सदस्यों ने उस मीटिंग से वॉक आउट कर दिया।

यह मांग वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक इस प्रकार संबंधित है, कि उस समय तृतीय स्टेट के सदस्यों ने हर सदस्य के लिये वोट देने के अधिकार की मांग की थी, न कि एक पूरे समूह को केवल एक वोट के रूप में गिना जाये। इस मांग से हर व्यक्ति विशेष को महत्व मिलता और जनता की वास्तिवक शक्ति का भी पता चलता।

एक पूरे समूह को ही केवल एक वोट मान लेना, व्यक्ति की पहचान को सीमित करना था, जो लोकतंत्र के विकास में बाधक है।

आज जहाँ भी लोकतंत्र है, वहाँ हर व्यक्ति को स्वतंत्र निजी अधिकार मिलता है, इससे उस व्यक्ति की पहचान एक समूह के अंदर न सिमट कर स्वतंत्र रूप से विकसित होती है।

Answered by pawanBhadauriy
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tritiya estate Ke Logon Ne aadharit voting ki Mang ki yah Mang vartman Samajik aur rajnitik is Prakar sambandhit hai ki use Samay tritiya estate ke sadasyon Ne Har sadasya ke liye vote dene ke Adhikar ki Mang ki thi nah ki ek pure samuh ko Keval Ek vote ke roop mein ginna Jaaye is Mang Se Har vyakti Vishesh ka mahatva Milta Hai Jaan Janata ki vastvik Shakti ka bhi Pata Chalta Hai Ek pure samuh ko hi Keval Ek vote man Lena vyakti ki pahchan Kosambi simit karna tha Jo loktantra ke Vikas mein wadhac hai aaj Jahan Bhi loktantra Hai vahan Har vyakti ko Swatantra Niji Adhikar Milta Hai

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