tsunami keep bare me in hindi
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इन्हीं लहरों के रेले को सूनामी कहते हैं. दरअसल सूनामी जापानी शब्द है जो सू और नामी से मिल कर बना है सू का अर्थ है समुद्र तट और नामी का अर्थ है लहरें. ... दरअसल समुद्र में लहरे चाँद सूरज और ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से उठती हैं लेकिन सूनामी लहरें इन आम लहरों से अलग होती हैं.
Explanation:
"सुनामी"
सुनामी जापानी भाषा का शब्द है सुनामी शब्द दो शब्दों ‘Tsu’ और ‘nami’ से मिलकर बना है जिसमें tsu का अर्थ है - हर्बर ( बंदरगाह) और nami का अर्थ है- तरंग । अर्थात ऐसी तरंगे जो समुद्र तटीय क्षेत्रों( बंदरगाहों) को प्रभावित करती हैं, सुनामी कहलाती है । सुनामी शब्द की रचना जापान के उन मछुआरों ने की थी जिन्होंने कई बार खुले समुद्र में तरंगों की कोई विशिष्ट हलचल न होने के बावजूद भी बंदरगाह को उजड़ा हुआ देखा था ।सुनामी क्यों आती है?
सुनामी आने के कई कारण है जैसे :-
भूकंप आना समुद्र में जब भूकंप आता है तो समुद्र का जल ऊपर की ओर उठता है वह जल अपनी उसी अवस्था को प्राप्त करने के लिए नीचे की ओर गिरता है जिससे महासागर के चारों ओर गोलाकार तरंगों का निर्माण होता है ।
ज्वालामुखी का निकलना - जब ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा समुद्र में गिरता है तब समुद्र में धाराओं का निर्माण होता है जिससे जनजीवन प्रभावित होता है।
उल्का पिंड- जब कोई अंतरिक्ष से आने वाला उल्कापिंड पृथ्वी के महासागरीय क्षेत्र से टकराता है तब इस पिंड के टकराने के फल स्वरुप समुद्र में गोलाकार तरंगों का निर्माण होता है अतः यह भी सुनामी आने का एक कारण है।
भूस्खलन- समुद्री क्षेत्रों के आसपास अत्यधिक वर्षा होती रहती है वर्षा के अत्यधिक होने के कारण भूमि के बड़े-बड़े टुकड़े खिसककर समुद्र में गिरते हैं जिससे सुनामी तरंगों का निर्माण होता है।
परमाणु परीक्षण- जब किसी देश के द्वारा समुद्री क्षेत्रों में परमाणु परीक्षण किए जाते हैं तो समुद्र में भयंकर लहरें बनती हैं चे लहरें अत्यंत विनाशकारी होती हैं इससे निकटवर्ती क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। अतः यह भी एक सुनामी का रूप धारण कर लेती है।
भारत में सुनामी लहरें
26 दिसंबर 2004 को भारत के दक्षिणी राज्यों में भयंकर सुनामी आई थी। इससे इंडोनेशिया ,मलेशिया ,थाईलैंड ,श्रीलंका तथा मालदीव समेत भारत के तटवर्ती राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस भूकंप ने अनेक छोटे-छोटे द्वीपों को कम से कम 20 मीटर तक खिसका दिया था। भारत के दक्षिणी राज्यों में कहर बनकर टूटी सुनामी लहरें अपने साथ हजारों जिंदगियों के अलावा अरबों रुपए की संपत्ति भी बहा ले गई। बुनियादी ढांचे में ही लगभग 800 करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान लगाया गया है।