Tulasi ka dohe in hindi
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दोहा :- “सरनागत कहूँ जे तजहिं निज अनहित अनुमानि, ते नर पावॅर पापमय तिन्हहि बिलोकति हानि.”
अर्थ :- जो इन्सान अपने अहित का अनुमान करके शरण में आये हुए का त्याग कर देते हैं वे क्षुद्र और पापमय होते हैं. दरअसल, उनको देखना भी उचित नहीं होता.
दोहा :- “तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुँ और, बसीकरण इक मंत्र हैं परिहरु बचन कठोर.”
अर्थ :- तुलसीदासजी कहते हैं की मीठे वचन सब और सुख फैलाते हैं. किसी को भी वश में करने का ये एक मंत्र होते हैं इसलिए मानव ने कठोर वचन छोड़कर मीठे बोलने का प्रयास करे.
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दोहा :- “तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुँ और, बसीकरण इक मंत्र हैं परिहरु बचन कठोर.”
अर्थ :- तुलसीदासजी कहते हैं की मीठे वचन सब और सुख फैलाते हैं. किसी को भी वश में करने का ये एक मंत्र होते हैं इसलिए मानव ने कठोर वचन छोड़कर मीठे बोलने का प्रयास करे.
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