Hindi, asked by omshirgaonkar84, 3 months ago

tulsi das ki favorite poet​

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Answered by jagritiranjan5
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पंचतंत्र ...

Answered by payalsingh1134
2

Answer:

अवधेस के द्वारे सकारे गई सुत गोद में भूपति लै निकसे।

अवलोकि हौं सोच बिमोचन को ठगि-सी रही, जे न ठगे धिक-से॥

‘तुलसी’ मन-रंजन रंजित-अंजन नैन सुखंजन जातक-से।

सजनी ससि में समसील उभै नवनील सरोरुह-से बिकसे॥

तन की दुति श्याम सरोरुह लोचन कंज की मंजुलताई हरैं।

अति सुंदर सोहत धूरि भरे छबि भूरि अनंग की दूरि धरैं॥

दमकैं दँतियाँ दुति दामिनि ज्यों किलकैं कल बाल बिनोद करैं।

अवधेस के बालक चारि सदा ‘तुलसी’ मन मंदिर में बिहरैं॥

सीस जटा, उर बाहु बिसाल, बिलोचन लाल, तिरीछी सी भौंहैं।

तून सरासन-बान धरें तुलसी बन मारग में सुठि सोहैं॥

सादर बारहिं बार सुभायँ, चितै तुम्ह त्यों हमरो मनु मोहैं।

पूँछति ग्राम बधु सिय सों, कहो साँवरे-से सखि रावरे को हैं॥

सुनि सुंदर बैन सुधारस-साने, सयानी हैं जानकी जानी भली।

तिरछै करि नैन, दे सैन, तिन्हैं, समुझाइ कछु मुसुकाइ चली॥

‘तुलसी’ तेहि औसर सोहैं सबै, अवलोकति लोचन लाहू अली।

अनुराग तड़ाग में भानु उदै, बिगसीं मनो मंजुल कंजकली॥

– तुलसीदास

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