Hindi, asked by shauryabaranwal717, 6 hours ago

Tulsi ki Shagun Bhakti Bhav ko spasht kijiye

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Answered by sargunjisuhana
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Answer:

तुलसी दास ने भक्ति और ज्ञान में अभेद माना है : भगतहिं ज्ञानहिं नहिं कुछ भेदा। यद्यपि वे ज्ञान को कठिन मार्ग तथा भक्ति को सरल और सहज मार्ग स्वीकार करते हैं। इसके अतिरिक्त तुलसी की भक्ति का रूप वैधी रहा है ,वह वेदशास्त्र की मर्यादा के अनुकूल है।

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