Hindi, asked by Ahmadharl6173, 1 day ago

Tulsidas aur Surdas ke Mata vichar

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Answered by mayanksingh78900
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अपना जीवन कृष्ण को समर्पित करने वाले सूरदास एक संत होने के साथ—साथ महान कवि और संगीतकार थे। अपनी रचनाओं में उन्होंने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया है। सूरदास के जीवन और मृत्यु को लेकर कोई पुख्ता तथ्य न होने के कारण लोगों के अलग—अलग मत रहे हैं। गोस्वामी हरिराय के 'भाव प्रकाश' के अनुसार सूरदास का जन्म दिल्ली के पास सीही नाम के गांव में एक अत्यन्त निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वहीं 'चौरासी वैष्णव की वार्ता' के आधार पर वे 1478 ईस्वी में आगरा-मथुरा रोड पर स्थित रुनकता नामक गांव में पैदा हुए थे। बाद में वे गऊघाट आकर रहने लगे| इनके पिता रामदास एक गायक थे| सूरदास जब गऊघाट में रहते थे तो इसी पर इनकी मुलाकात बल्लभाचार्य से हुई और सूरदास उनके शिष्य बन गए|

क्या सूरदास जन्म से अंधे थे?

इस बारे में श्याम सुंदर दास ने लिखा है कि "सूर वास्तव में जन्मान्ध नहीं थे, क्योंकि श्रृंगार तथा रंग-रुपादि का जो वर्णन उन्होंने किया है वैसा कोई जन्मान्ध नहीं कर सकता।' वहीं डॉ हजारीप्रसाद द्विवेदी ने लिखा है- "सूरसागर के कुछ पदों से यह ध्वनि अवश्य निकलती है कि सूरदास अपने को जन्म का अन्धा और कर्म का अभागा कहते हैं, पर हर समय इसके अक्षरार्थ को ही प्रधान नहीं मानना चाहिए।" वहीं एक आम मत है कि सूरदास जन्म से ही अंधे थे, भगवान् की कृपा से दिव्य-दृष्टि पायी थी, जिसके आधार पर उन्होंने कृष्ण-लीला का आँखों देखा जैसा वर्णन किया। गोसाई हरिराय ने भी सूरदास को जन्मान्ध बताया है।

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