Hindi, asked by heena90, 11 months ago

Tulsidas ki rachnaaye likhe..!


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Answered by harsharyan55
3

Answer:

अपने दीर्घ जीवन-काल में तुलसीदास ने कालक्रमानुसार निम्नलिखित काल जयी ग्रन्थों की रचनाएं कीं - रामललानहछू, वैराग्यसंदीपनी, रामाज्ञाप्रश्न, जानकी-मंगल, रामचरितमानस, सतसई, पार्वती-मंगल, गीतावली, विनय-पत्रिका, कृष्ण-गीतावली, बरवै रामायण, दोहावली और कवितावली (बाहुक सहित)। इनमें से रामचरितमानस, विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली जैसी कृतियों के विषय में यह आर्षवाणी सही घटित होती है - ""पश्य देवस्य काव्यं, न ममार न जीर्यति।

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harsharyan55: @bihar
harsharyan55: in which class do u read
heena90: 10 or ap
harsharyan55: 10
harsharyan55: me also
heena90: ohh
harsharyan55: hmm
harsharyan55: u r aim
harsharyan55: pilot
harsharyan55: hii
Answered by ᎷíssGℓαмσƦσυs
2

रामचरितमानस,विनय पत्रिका, दोहावली, कवितावली,वरवै रामायण।


heena90: thnku yaar
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