Hindi, asked by mandloipritesh3, 9 months ago

Tulsidas ki Samajik Sanskriti ka Parichay dijiye​

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Answered by jjaajjajaja36
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Answer:

गोस्वामी तुलसीदास के साहित्य में व्यक्ति धर्म, परिवार धर्म और समाज धर्म का विवेचन हुआ है। व्यक्ति से ऊँचा परिवार और परिवार से ऊँचा समाज और समाज से ऊँचा लोक धर्म को मानते हुए तुलसी ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति की व्याख्या की है। तुलसीदास जातीय जनजागरण के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं। उनकी कविता का आधार जनता की एकता है।

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