Tum kal kaha gye the pad Parichay
Answers
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय।
इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
पद
पद-परिचय
1
संज्ञा
संज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक), लिंग, वचन, कारक, क्रिया का ‘कर्ता’है?/क्रिया का ‘कर्म’ है?
2
सर्वनाम
सर्वनाम के भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक, निजवाचक), लिंग, वचन, कारक, क्रिया का ‘कर्ता/क्रिया का ‘कर्म’।
3
विशेषण
विशेषण के भेद (गुणवाचक, संख्यावाचक, सार्वनामिक, परिमाणवाचक), अवस्था (मूलावस्था, उत्तरावस्था, उत्तमावस्था), लिंग, वचन, विशेष्य।
4
क्रिया
क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, वाच्य, क्रिया का ‘कर्ता’ कौन है? क्रिया का ‘कर्म’ कौन है?
5
अव्यय
क्रिया विशेषण भेद, उपभेद, विशेष्य-क्रिया का निर्देश।
पद परिचय कैसे पहचानते है? -
सबसे पहले आपको संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, अवधारक (निपात), संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है-
1 - अगर शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पक्षी, भाव, जाति आदि के बारे में बताता है, तो वह शब्द संज्ञा है।
2 - अगर शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे मेरा, मै, तुम, आपका, उस, वह आदि शब्द है, तो वह शब्द सर्वनाम है।
3 - अगर शब्द किसी वस्तु, स्थान, पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है, अर्थात वह कैसा है - लंबा है, सुंदर है, डरावना है आदि, तो वह शब्द विशेषण है।
4 - अगर शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है, तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि - क्रिया कब हो रही है (कल, अभी, दिनभर), क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप, अवश्य, तेजी से), क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर, ऊपर, आसपास), क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम, पर्याप्त, ज्यादा)
5 - अगर शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है, तो वह संबंधबोधक अव्यय है।
जैसे - के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण, के लिए, की ओर।
6 - अगर शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है, तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है।
जैसे - और, अतएव, इसलिए, लेकिन।
7 - अगर शब्द किसी विस्मय, हर्ष, घृणा, दुःख, पीड़ा आदि भावों को प्रकट करते है, तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है।
जैसे - अरे!, वाह!, अच्छा! आदि।
8 - अगर शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है, तो वह निपात है।
जैसे - भी, तो, तक, केवल, ही।
उदाहरण के लिए कुछ वाक्य निचे दिए जा रहे हैं, जिनमें कुछ शब्द रेखांकित किए गए हैं। आपको इन रेखांकित पदों के पद परिचय दिया गया है।
hope it's help you
please add me as brainliest
Answer:
पद
पद-परिचय
1) संज्ञा संज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक , जातिवाचक ,भाववाचक ), लिंग , वचन , कारक , क्रिया का ‘कर्ता’ है ? / क्रिया का ‘कर्म ‘ है ?
2) सर्वनाम सर्वनाम के भेद( पुरुषवाचक ( उत्तम पुरुष , मध्यम पुरुष , अन्य पुरुष ) , निश्चयवाचक , अनिश्चयवाचक , प्रश्नवाचक , संबंधवाचक , निजवाचक ) , लिंग , वचन , कारक , क्रिया का ‘कर्ता’ / क्रिया का ‘कर्म ‘
3) विशेषण विशेषण के भेद (गुणवाचक , संख्यावाचक , सार्वनामिक , परिमाणवाचक ) , अवस्था (मूलावस्था ,उत्तरावस्था ,उत्तमावस्था ), लिंग , वचन , विशेष्य
4) क्रिया क्रिया के भेद , लिंग , वचन , पुरुष , धातु , काल , वाच्य , क्रिया का ‘कर्ता ‘ कौन है ?,क्रिया का ‘कर्म ‘ कौन है ?
5) क्रिया-विशेषण क्रिया – विशेषण के भेद (रीतिवाचक , कालवाचक , स्थानवाचक ,परिमाणवाचक ) , कौन सी ‘क्रिया ‘ से संबंध है ?
6) संबंधबोधक संबंधबोधक के भेद , किस ‘संज्ञा / सर्वनाम ‘ से संबंध है ?
7) समुच्चयबोधक समुच्चय बोधक के भेद (समानाधिकरण , व्याधिकरण )
8)विस्मयादिबोधक विस्मयादिबोधक – भाव (हर्ष , क्रोध , धृणा , हिंसा , उत्साह , ग्लानि , विषाद , आश्चर्य आदि )
9)निपात निपात/अवधारक
पद परिचय कैसे पहचानते है ?
सबसे पहले आपको संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया ,क्रिया-विशेषण , अवधारक (निपात) , संबंधबोधक , समुच्चयबोधक , विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए ऊपर दिए गए कोष्ठक में पद पर click करे। उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है।