Tute se Fir Na Mile Mile Ghat Pari Jaaye rahim ke duhe
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रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाये
टूटे से फिर ना जुटे जुटे गाॅठ परि जाये ।
अर्थ :- प्रेम के संबंध को सावधानी से निबाहना पड़ता है । थोड़ी सी चूक से यह संबंध टूट जाता है ।
टूटने से यह फिर नहीं जुड़ता है और जुड़ने पर भी एक कसक रह जाती है।
अतिरिक्त जानकारी :-
- रहीम का पूरा नाम अब्दुल रहीम (अब्दुर्रहीम) ख़ानख़ाना था। आपका जन्म 17 दिसम्बर 1556 को लाहौर में हुआ।
- रहीम के पिता का नाम बैरम खान तथा माता का नाम सुल्ताना बेगम था।
- बैरम ख़ाँ मुगल बादशाह अकबर के संरक्षक थे।
- रहीम जब पैदा हुए तो बैरम ख़ाँ की आयु 60 वर्ष हो चुकी थी।
- कहा जाता है कि रहीम का नामकरण अकबर ने ही किया था।
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