tv se honewali labh aur hani hindi nibandh by Savitri Bisht
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आधुनिक विज्ञान ने जहाँ युद्ध, चिकित्सा, यातायात आदि क्षेत्रों में चमत्कार किया है| मनोरंजन के क्षेत्र में भी उसका योगदान कम महत्त्वपूर्ण नहीं है| चमत्कारों में रेडियो और सिनेमा ने अपनी लोकप्रियता चरम सीमा तक पहुँचा दी थी| किन्तु जब से दुरदर्शन का अविष्कार हुआ है, तब से इसकी धाक सर्वत्र जग गई है| दुरदर्शन का अंग्रेजी नाम टेलिविजन है, जिसका संक्षिप्त रूप टी.वी., आज बच्चे-बच्चे की जुबान पर है और दिन-प्रतिदिन विभिन्न नगरों में इसका प्रचार बढ़ता जा रहा है|
दुरदर्शन की लोकप्रियता का कारण यह है की इसने रेडियो और सिनेमा की सम्मिलित सुविधा को सुलभ किया है| रेडियो पर हम भाषण सुन सकते हैं, खेलों का विवरण जान सकते हैं, साहित्यिक भाषण और संगीत का लाभ उठा सकते हैं, पर उन कलाकारों को देख नहीं सकते, दुरदर्शन ने उसकी पूर्ति की है| उस पर नियमित रूप से फिल्मों का भी प्रदर्शन होता है, वे भले ही पुरानी हों, पर आनंद तो नया ही रहता है|
दुरदर्शन से हानि भी होती है| दुरदर्शन के कारण कुछ विद्यार्थी पढ़ते नहीं हैं| २४ घंटों में से १० से १२ घंटे टी.वी देखते रहते हैं| परिणाम स्वरुप परीक्षा में अनुत्तीर्ण होते हैं| परीक्षा में चोरी करने पर वे मजबूर ही जाते हैं| बहुत से विद्यार्थी तैयारी न कर पाने से परीक्षा में बैठते नहीं|
अंग्रेजी फिल्मों और उनके अनुकरण वाली हिन्दी फिल्मों में चुंबन, अलिंगन आदि गंदे दृश्य, अर्धनग्नता प्रदर्शित करने वाले अभिनेत्रियों के फैशन, प्यार के गंदे गीत, बलात्कार के दृश्य आदि युवक-युवतियों के मानस को बिगाड़ देते हैं| जातीय गुनाह की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है|
दुरदर्शन की लोकप्रियता का कारण यह है की इसने रेडियो और सिनेमा की सम्मिलित सुविधा को सुलभ किया है| रेडियो पर हम भाषण सुन सकते हैं, खेलों का विवरण जान सकते हैं, साहित्यिक भाषण और संगीत का लाभ उठा सकते हैं, पर उन कलाकारों को देख नहीं सकते, दुरदर्शन ने उसकी पूर्ति की है| उस पर नियमित रूप से फिल्मों का भी प्रदर्शन होता है, वे भले ही पुरानी हों, पर आनंद तो नया ही रहता है|
दुरदर्शन से हानि भी होती है| दुरदर्शन के कारण कुछ विद्यार्थी पढ़ते नहीं हैं| २४ घंटों में से १० से १२ घंटे टी.वी देखते रहते हैं| परिणाम स्वरुप परीक्षा में अनुत्तीर्ण होते हैं| परीक्षा में चोरी करने पर वे मजबूर ही जाते हैं| बहुत से विद्यार्थी तैयारी न कर पाने से परीक्षा में बैठते नहीं|
अंग्रेजी फिल्मों और उनके अनुकरण वाली हिन्दी फिल्मों में चुंबन, अलिंगन आदि गंदे दृश्य, अर्धनग्नता प्रदर्शित करने वाले अभिनेत्रियों के फैशन, प्यार के गंदे गीत, बलात्कार के दृश्य आदि युवक-युवतियों के मानस को बिगाड़ देते हैं| जातीय गुनाह की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है|
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