Hindi, asked by suyashdubey14661, 8 months ago

Two formal and two informal letter in Hindi

Answers

Answered by meghaisthebest
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Formal Letter :

  1. दीदी या बहन की शादी पर अवकाश के लिए आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र।

Answer))

सेवा में,

प्रधानाचार्य मोहदय,

डी.ए.वी. स्कूल,      

रामनगर (दिल्ली)

Date: __________

विषय – बहन की शादी के लिए अवकाश प्रदान हेतु प्रार्थना पत्र।

महोदय,      

     सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। मेरे घर में मेरी बहन की शादी है। जिसकी दिनांक _______ और _______ निश्चित हुई है, मैं अपने पिता का इकलौता पुत्र हूँ, अतः शादी में बहुत से कार्यों में मेरा होना अति आवश्यक है। इसी कारण मुझे ________ से ________ तक का अवकाश चाहिए।    

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,

नाम – Megha Vaid

कक्षा – 10वीं

रोल नंबर – 17

दिनांक – ________

2.)) बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए।

सेवा में,

अध्यक्ष,

हिमाचल राज्य परिवहन निगम,

शिमला।

दिनांक- 25 अप्रैल, 2019

विषय - बस में छूटे बैग का वापस मिलना।

महोदय,

       कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया।

मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था।

मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ।

धन्यवाद।

भवदीय

रमेश कुमार

38/5 हीमुंडा कॉलोनी,

शिमला।

दूरभाष - xxxxxxxxxx

Informal Letters :

1.)) अपनी बहन को पत्र लिखकर योगासन करने के लिए प्रेरित कीजिए।

परीक्षा भवन,

अ. ब. स.

दिनांक- 27 अप्रैल, 2019

प्रिय बहन,

सदा खुश रहो।

मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा है वहाँ पर भी सभी कुशल होंगें। अभी-अभी मुझे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ और उनसे घर के सभी समाचार ज्ञात हुए। साथ ही साथ यह भी पता चला कि तुम्हारा स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा करो।

तुम्हें तो पता ही है कि पहला सुख स्वस्थ शरीर को कहा जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि तुम हमेशा योगासन किया करो। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त रहने के कारण कोई भी स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देता। योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए मैं तुम्हें यही सलाह दूँगी कि तुम नियमित रूप से योगा किया करो जिससे तुम्हारा शरीर चुस्त और फुर्तीला हो जाएगा और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।

आशा करती हूँ कि तुम मेरी इस सलाह को मानोगी तथा अपने जीवन में योग को महत्त्व दोगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी। माता-पिता को प्रणाम और भाई को मेरा प्यार देना।

तुम्हारी बहन

आशा

2.)) चाचा को जन्मदिन के उपहार का धन्यवाद करने के लिए पत्र लिखें-

चन्द्रशेखर हॉस्टल,

समरहिल, शिमला,

हिमाचल प्रदेश।

दिनांक 01.06.2019

चरणस्पर्श चाचा जी,

मैं यहां पर कुशल मंगल हूँ, और आशा करता हूँ कि आप भी वहां कुशल होंगे। आदरणीय चाचा जी पिछले सप्ताह मेरा जन्मदिन था और मुझे वह पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने न आने का कारण बताया था, मैं उस बात को लेकर बहुत ही ज्यादा नाराज हूँ। मैं आपके आने की उम्मीद लगाकर बैठा था और आपने न आकर सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

आपने उस पत्र के साथ मेरे जन्मदिन का उपहार भी भेजा था, हालांकि कोई भी उपहार आपकी मौजूदगी से ज्यादा शायद ही मुझे खुशी देता, लेकिन यह उपहार पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश और संतुष्ट महसूस कर रहा हूं। चाचाजी आप यह जानते हैं कि मैं समय का कितना अधिक पाबन्द हूँ और इसलिए आपने यह घड़ी मुझे भेंट स्वरूप देकर, मेरे इरादों को और भी ज्यादा मजबूत किया है। आपकी यह घड़ी मुझे अनुशासन और समय के महत्व के बारे में सदैव बताती रहेगी। मैं यह घड़ी पाकर बहुत ज्यादा खुश हूं और यह प्रार्थना करता हूं कि मेरे अगले जन्मदिन पर आप भी मौजूद रहें।

चाची जी को चरण स्पर्श कहियेगा और नेहा और अभय को मेरा बहुत सारा स्नेह दीजिएगा। छुट्टियाँ होते ही मैं आप सभी से अवश्य ही मिलने आऊँगा।

आपका आज्ञाकारी भतीजा

अनिरुद्ध

Please please please...isse likne me bahut mehnat hui...

Brainliest mark zaroor krna

Aur thanks bhi dena

Answered by magadidi
1

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