Hindi, asked by thirumal7493, 1 year ago

Tyohar ka mahatav anuchaed in hindi

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Answered by Purviyadavrjn
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मानव जीवन अनेक विविधताओं से भरा हुआ है । अपने जीवनकाल में उसे अनेक प्रकार के कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वाह करना पड़ता है । इनमें वह प्राय: इतना अधिक व्यस्त हो जाता है कि अपनी व्यस्त जिंदगी से स्वयं के मनोरंजन आदि के लिए समय निकालना भी कठिन हो जाता है ।

इन परिस्थितियों में त्योहार उसके जीवन में सुखद परिवर्तन लाते हैं तथा उसमें हर्षोंल्लास व नवीनता का संचार करते हैं । त्योहार अथवा पर्व सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं व पूर्व संस्कारों पर आधारित होते हैं । जिस प्रकार प्रत्येक समुदाय, जाति व धर्म की मान्यताएँ होती हैं उसी प्रकार इन त्योहारों को मनाने की विधियों में भिन्नता होती है ।

सभी त्योहारों की अपनी परंपरा होती है जिससे संबंधित जन-समुदाय इनमें एक साथ भाग लेता है । सभी जन त्योहार के आगमन से प्रसन्नचित्त होते हैं व विधि-विधान से, पूर्ण हर्षोल्लास के साथ इन त्योहारों में भाग लेते हैं ।

प्रत्येक त्योहार में अपनी विधि व परंपरा के साथ समाज, देश व राष्ट्र के लिए कोई न कोई विशेष संदेश निहित होता है । भारत में विजयादशमी का पर्व जिस प्रकार असत्य पर सत्य की तथा अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है उसी प्रकार रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम और भाई का बहन की आजीवन रक्षा करने के संकल्प को याद कराता है । इसी प्रकार रंगों का त्योहार होली हमें संदेश देता है कि हम आपसी कटुता व वैमनस्य को भुलाकर अपने शत्रुओं से भी प्रेम करें ।

ईसाइयों का त्योहार क्रिसमस संसार से पाप के अंधकार को दूर करने का संदेश देता है तो मुसलमानों की ईद भाईचारे का संदेश देती है । इस प्रकार सभी त्योहारों के पीछे समाजोत्थान का कोई न कोई महान उद्‌देश्य अवश्य ही निहित होता है । लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं जिससे आपसी वैमनस्य घटता है । त्योहारों के अवसर पर दान देने, सत्कर्म करने की जो परंपरा है, उससे सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखने में मदद मिलती है ।

ये त्योहार मनुष्य के जीवन को हर्षोल्लास से भर देते हैं । इन त्योहारों से उसके जीवन की नीरसता समाप्त होती है तथा उसमें एक नवीनता व सरसता का संचार होता है । त्योहारों के आगमन से पूर्व ही मनुष्य की उत्कंठा व उत्साह उसमें एक सकारात्मक व सुखद परिवर्तन लाना प्रारंभ कर देते हैं । वह संपूर्ण आलस्य व नीरसता को त्याग कर पूरे उत्साह के साथ त्योहारों की तैयारी व प्रतीक्षा करता है ।

त्योहारों के शुभ अवसर पर निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी नए वस्त्र धारण करते हैं एवं समस्त दुख-अवसादों को भुलाकर त्योहार की खुशियाँ मनाते हैं । त्योहारों के अवसर पर पंडितों, गरीबों तथा अन्य लोगों को दान आदि देकर संतुष्ट करने की प्रथा का भी समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है । भूखे को भोजन, निर्धनों को वस्त्र आदि बाँटकर लोग सामाजिक समरसता लाने का प्रयास करते हैं ।

Answered by mchatterjee
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हमारे भारत को उसके संस्कृति एवं संस्कार के लिए देश एवं विदेशों में जाना जाता है। हमारे देश भारत में तीज-त्योहार का बहुत महत्व है यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति हद से ज्यादा प्रचलित है।

हर साल , हर महीने में कुछ ना कुछ तैयार होते ही रहते हैं कभी दिवाली कभी दुर्गा पूजा, कभी होली, कभी लक्ष्मी पूजा ,कभी काली पूजा, कभी दशेरा इत्यादि इत्यादि त्यौहार हमारे भारत में होते हैं और ना सिर्फ यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाते हैं बल्कि इन त्योहारों का अपने आप में बहुत बड़ा महत्व भी है।

हाल ही में बीते महाशिवरात्रि को कैसे भूल सकते हैं महाशिवरात्रि के दिन कहा जाता है कि यह माता पार्वती एवं शिव जी का मिलन का दिन होता है और कहा जाता है कि अगर यह त्यौहार कोई कुंवारी कन्या रखे तो उसे भगवान शिव जैसा ही वर मिलता है।

बसंत पंचमी को हम फरवरी माह में बना चुके हैं बसंत पंचमी पर अपने आप में बहुत बहुत अलग त्योहार है इस दिन हर विद्यार्थी माता सरस्वती की पूजा करते हैं उनसे विद्या बुद्धि मांगते हैं ।

इस तरह यदि देखा जाए तो भारत में तीज त्योहारों का बहुत अधिक महत्व है।

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