tyoharo ka Samaj se sambandh par nibandh
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त्योहारों का समाज से संबंध
त्योहार किसी समाज की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक होते हैं। त्योहार हमारे जीवन की एकरसता और नीरसता को दूर करने का साधन भी होते हैं। त्योहारों के माध्यम से हम हर्षोल्लास से साथ उत्सव मनाकर अपने जीवन को उमंग से परिपूर्ण करते हैं।
किसी समाज में विभिन्न धर्म, मत, सम्प्रदाय और जाति आदि को मानने वाले लोग रहते हैं। विभिन्न मतों वाले समूहों के अलग-अलग त्योहार भी होते हैं। समाज के इन अलग-अलग मतों के मानने वाले लोगों के बीच त्योहार एक सद्भावना और सौहार्द्र का वातावरण कायम करते हैं।
त्योहारों के माध्यम से अपनी संस्कृति को जानने का और उससे जुड़े रहने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। त्योहारों को मनाने के लिये लोगों के समूह की आवश्यकता होती है, इसी प्रक्रिया में लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं और उनमे परस्पर आत्मीयता का भाव विकसित होता है। लोगों में एकता कायम होती है और इससे कोई भी समाज मजबूत होता है। विभिन्न समूहों को जोड़े रखने का भी काम करते हैं।
इस प्रकार त्योहारों का समाज पर सकारात्मक प्रभाव ही पड़ता है। त्योहारों का समाज से संबंध बहुत पुराना रहा है। त्योहारों और समाज का चोली-दामन का साथ रहा है। ऐसा कोई भी समाज नही जिसमें उत्सव-त्योहार न हों।