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ARU
Rao
कतार
जल
कामना
यहाँ जीवन
दूभर हो गया है। प्रकृति
ही हमारा
सहारा है
सेंकण्डो. मोटर गाड़ियाँ
काजल के
समान
मैंलाओं छोडती हैं
कोलाहल तेज आलाजो करती हुई
रेलगाडी
दोउ रही हैं।
वायुमण्डल
अल्मारीक दूपिल (गदा है
भी
नही है
में
गुका
मनुण्य
के लिए जीवन की
करता
मनुष्य
मृत्यु
की
नहीं करता है
उमआइए जाने हमने स्यासीला
किस कारण से प्रकति बडी
शारण
मे जाना-पाहता
पाहता है
किस कारण
से महानगरो
महानगरो मै रहना
प्र0-2
काहन
हो गया
ह
हमारे पर्यावरण
पर्यावरण में कया दापित है।
403
आन्तमा पद्यांश मे कवि सनमा
904
की
कामना
?
कवि
7
P
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I didnt understand it...
mrk me brainliest
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