उभर रहा है जलनिधि तल पर
दिनकर-बिंब अधूरा।
कमला के कंचन-मंदिर का
मानो कात केंगूरा
लाने को निज पुण्य भूमि पर
लक्ष्मी की असवारी।
रत्नाकर ने निर्मित कर दी
स्वर्ण-सड़क अति प्यारी।
प्रतिक्षण नूतन नेश बनाकर
रंग-बिरंग निराला।
रवि के सम्मुख थिरक रही है
नम में वारिद माला।
नीचे नील समुद्र मनोहर
ऊपर नील गगन है।
पन पर बैठ बीच में विचरूँ
यही चाहता मन है।
() यह किस समय का सौंदर्य-चित्रण है?
(ii) उगते सूर्य की तुलना किससे की गई है?
(iii) कांत-गूरा किसे कहा गया है।
(iv) कवि ने 'स्वर्ण-सड़क संज्ञा का प्रयोग किसके लिए किया है?
(v) कवि का मन क्या करने को इच्छुक है।
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Answer:
an Indo-European language that is derived from Sanskrit and is written in the Devanagari script. It is the most widely spoken language of north and central India and is one of the official languages of India
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