उभरकर आते हैं ? लिखिए। कि
(ख) 'गलता लोहा पाठ के आधार पर पहाड़ी गांवो की समस्याओं पर विचार विश्लेषण की
(ग) मियां नसीरूद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
(घ) 'गलता लोहा' पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए। 69
(क) शास्त्री तथा चित्रपट-संगीत में क्या अंतर है ?
(ख) नादमय उच्चार का क्या अर्थ है? यह लता के गायन में किस प्रकार प्रकट हुआ है
अथवा
चित्रपट संगीत ने लोगों की संगीत अभिरूचि को किस प्रकार संस्कारित किया ?
(ग) कुमार गंधर्व ने लता को बेजोड़ गायिका क्यों कहा है ?
(घ) लता मंगेशकर के गायन ने भारतीय लागों की अभिरूचि को किस प्रकार प्रभावित
अथवा
लता ने चित्रपट-संगीत में मुख्यतया किस प्रकार के गाने गाए हैं और क्यों ?
Answers
Dear Students.....
एक साथ इतने सारे दीर्घ प्रश्नों के उत्तर देना संभव नही है, कुछ चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं। शेष प्रश्नो के उत्तर के लिये दूसरी पोस्ट में प्रश्न पोस्ट करें...
O 'गलता लोहा पाठ के आधार पर पहाड़ी गांवो की समस्याओं पर विचार विश्लेषण कीजिये।
► ‘गलता लोहा’ पाठ के आधार पर अगर पहाड़ी गाँव की समस्या पर विचार करें तो हम पाएंगे कि पहाड़ी गाँवों की दुर्गम भौगोलिक स्थिति होने के कारण वहाँ पर सुख-सुविधाओं के अधिक साधन नहीं होते।
पहाड़ों के हर गाँव में विद्यालय नहीं होते। बहुत सारे गाँव के बीच किसी एक गाँव में ही विद्यालय होता है. जिससे बाकी बच्चों को कई मीलों पैदल चलकर तकलीफ उठाते हुए विद्यालय जाना पड़ता है। इस कारण पहाड़ी गाँव के बहुत से माँ-बाप अक्सर अपने बच्चों को सही ढंग से शिक्षा नहीं दिलवा पाते, इसलिए बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ जाते हैं या उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए मैदानी क्षेत्रों का रुख करना पड़ता है। बहुत ही गरीब माँ-बाप की सामर्थ अधिक ना होने के कारण वे अपने बच्चों को दूसरी जगह भेज भी नहीं पाते और ऐसे बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
‘गलता लोहा’ पाठ में भी मोहन के साथ यही हुआ। उसे भी अपने विद्यालय के लिए कई मील पैदल जाना पड़ता था, जिससे वह थक जाता था। इसी कारण उसे रमेश के साथ पढ़ाई के लिए लखनऊ जाना पड़ा, जहां पर रमेश ने उसकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया और उसे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाना पड़ा। यदि उसके गाँव में अच्छा विद्यालय होता तो उसे बाहर नही जाना पड़ता और शायद उसका बेहतर हो पाता।
पहाड़ी गाँवों में अति-आवश्यक सुविधाओं की भी कमी होती है, जिससे वहाँ का जीवन कष्टप्रद हो जाता है। सरकारों द्वारा पहाड़ी गाँवों विकास के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि वहाँ के लोगों का जीवन सरल बने।
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O 'गलता लोहा' पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
► ‘गलता लोहा’ पाठ में मोहन कहानी का मुख्य पात्र है। वह एक ब्राह्मण जाति का है, गाँव के पुरोहित का बेटा है। वह एक स्कूल में पढ़ता है और उसकी धनराम लोहार नाम के लड़के से दोस्ती है। ऊंची जाति का होने के बावजूद निम्न जाति के धनराम लोहार के साथ जातिगत भेदभाव भूलकर दोस्ती कायम रखता है। वह पढ़ने में अत्यंत मेधावी छात्र है, जो अपने गाँव के स्कूल में सबसे मेधावी छात्र रहा था। गाँव के स्कूल के मास्टर त्रिलोक सिंह ने भविष्यवाणी कर दी थी कि वह एक दिन स्कूल का नाम रोशन करेगा। लेकिन मोहन जब शहर गया तो वहाँ पर उसके रिश्तेदार रमेश ने उसका जीवन बर्बाद कर दिया। उसके रिश्तेदार ने उसे घर के काम में लगा दिया। इस कारण मोहन शहर के स्कूल में अपना समय नहीं दे पाया और स्कूल में वह पिछड़ता गया। इस तरह एक मेधावी छात्र का जीवन नष्ट हो गया।
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O मियां नसीरूद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
► मियाँ नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व की विशेषतायें और चरित्र-चित्रण...
मियाँ नसीरुद्दीन का चरित्र बड़ा ही दिलचस्प और रोचक है। एक ऐसे कलाकार माने जा सकते हैं जिनकी कला-कौशल उनके साथ ही लुप्त होने के कगार पर है। वह अपने पारंपरिक-पारिवारिक पेशे में बड़े माहिर हैं। उनकी बात करने का अंदाज भी बड़ा ही दिलचस्प और निराला है। यदि उनसे कोई कुछ सवाल पूछता है तो बदले में वो ही सवाल पूछने लगते हैं और किसी भी सवाल का जवाब बड़ा ही घुमा-फिरा कर देते हैं।
वह अपने क्षेत्र में खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। वे खुद को दार्शनिक भी समझते हैं और खुद को सुकरात से कम नहीं समझते हैं। बहुत बोलते भी हैं। पर वे काम से बड़े मेहनती हैं और उनकी मेहनतकशी अनुसरण करने योग्य है। उनकी आंखों में चालाकी भी है, भोलापन भी है। उनके माथे पर यह हुनरमंद कारीगर की तरह के तेवर दिखाई देते हैं। वक्त की मार के साथ वे स्वयं को बढ़ा खानदानी व्यक्ति समझते हैं और उसके लिए तरह-तरह के उदाहरण भी देते हैं।
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Answer:
गलत लोहा पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए उत्तर बताइए