उच्चारित ध्वनि को लिखने की विधि कहलाती है?
Answers
उच्चारित ध्वनि को लिखने की विधि ‘लिपि’ कहलाती है।
बोलते समय हम अपने मुख से कई ध्वनियों का उच्चारण करते हैं। इन ध्वनियों से ही भाषा की उत्पत्ति होती है। इस भाषा को कागज पर उकेरने के लिए ‘लिपि’ की आवश्यकता होती है। भाषा को कागज पर जिस विधि से उतरा जाता है उसे ‘लिपि’ कहते हैं। किसी भाषा की एक लिपि होती है लेकिन वह लिपि अनेक भाषाओं की हो सकती है। जैसे हिंदी की लिपि देवनागरी है, संस्कृत की लिपि देवनागरी है। मराठी, कश्मीरी, नेपाली, संथाली, बोडो आदि भाषाओं की लिपि देवनागरी है। अंग्रेजी भाषा की लिपि रोमन है। अन्य यूरोपीय भाषाएं जैसे जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश आदि भाषाओं की लिपि रोमन है। पंजाबी की लिपि गुरुमुखी है। उर्दू की लिपि फारसी है।
Answer:
उच्चारित ध्वनि को लिखने की विधि
Explanation:
'उच्चारित ध्वनियों को प्रतीकों (अक्षर) के माध्यम से व्यक्त करना' लिखना कहलाता है। ये प्रतीक अक्षर या वर्ण कहलाते हैं, जिनकी विशिष्ट बनावट व आकार से विशिष्ट ध्वनि संकेत, पूर्वजों द्वारा निश्चित किये गये हैं, जिन्हें 'लिपि' कहते है | जब विचार प्रकट करने वाला जब चाहे अपने विचार प्रकट करे और ग्रहण करने वाला जब चाहे तब ग्रहण करे , इस प्रकट व ग्रहण के मध्य जो प्रतीकात्मक भौतिक सेतु होता है उसे लेखन कहा जाता है | भाषा अध्यन मे लेखन आंतिक चरण है|