उच्चारण
उपयुक्त शब्दों द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(क) जिन व्यंजनों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम निकलती है; वे
व्यंजन कहलाते हैं।
(महाप्राण/अल्पप्राण)
कहते हैं। (वर्ण-संयोग/वर्ण-विच्छेद)
व्यंजन कहलाते हैं। (अंत:स्थास्पर्श)
(ख) किसी शब्द में प्रयुक्त वर्णों को अलग-अलग करने को
(ग) जिन व्यंजनों के उच्चारण में श्वास का अवरोध बहुत कम हो, वे
(घ) जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ से भी अधिक समय लगता है,
भेद हैं।
(ङ) उच्चारण की दृष्टि से स्वरों के
स्वर कहलाते हैं।
(हस्व/प्लुत
(तीन/पाँच
Answers
Answered by
1
Answer:
स्वनविज्ञान के सन्दर्भ में, मुख गुहा के उन 'लगभग अचल' स्थानों को उच्चारण बिन्दु कहते हैं जिनको 'चल वस्तुएँ' छूकर जब ध्वनि मार्ग में बाधा डालती हैं तो उन व्यंजनों का उच्चारण होता है। उत्पन्न व्यंजन की विशिष्ट प्रकृति मुख्यतः तीन बातों पर निर्भर करती है- उच्चारण स्थान, उच्चारण विधि और स्वनन ।
Similar questions