Hindi, asked by khannapankaj075, 9 hours ago

५ उचित स्थान पर अनुस्वार अनुनादि
लगारी
चदा, बदर, स्वय, घमड, हिदी ,चाद
कगना मा​

Answers

Answered by riddhitrivedi842
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Explanation:

अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।

इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसे

संचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + अ

संभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।

संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + अ

संचयन = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + य् + अ + न् + अ

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