उछल कर आक्रमण
1.21 निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
(क) धर्म की इस बुद्धिहीन दृढ़ता और देव दुर्लभ त्याग पर मन बहुत झुंझलाया।
अब दोनों शक्तियों में संग्राम होने लगा। धन ने उछल
करने
शुरू किए। एक से पांच, पांच से दस, दस से पन्द्रह और पन्द्रह से बीस
हजार तक नौबत पहुँची, किंतु धर्म अलौकिक वीरता के साथ इस बहुसंख्यक
सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भाँति अटल अविचलित खड़ा था।
Answers
निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या इस प्रकार है :
संदर्भ : यह गद्यांश नमक का दारोगा कहानी से लिया गया है | यह कहानी प्रेमचन्द द्वारा लिखी एक सामाजिक कहानी है | यह कहानी समाज की यथार्थ स्थिति का उल्लेख करती है। इसमें एक ईमानदार नमक निरीक्षक की कहानी को बताया गया है जिसने कालाबाजारी के विरुद्ध आवाज उठाई।
प्रसंग : गद्यांश में धर्म की बढ़ती हुई बुद्धिहीन के बारे में बताया है | आज के समय में काम निकलने के लिए भी धर्म का सहारा लिया जाता है |
व्याख्या : आज के समय में धर्म की इस बुद्धिहीन दृढ़ता और देव दुर्लभ को देखकर मन विश्वास नहीं कर पा रहा था | धन के नाम पर रिश्वत दे रही है | आज के समय में रिश्वत पांच, पांच से दस, दस से पन्द्रह और पन्द्रह से बीस हजार तक नौबत पहुंच गई है | धर्म पूरी वीरता के साथ धन रूपी सेना के सम्मुख अकेला पर्वत की भांति अपना कर्तव्य निभा रहा है |
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