Udaharan dete hue udaharan dete hue siddh kijiye ki prakriti bhi khelkud ko pasand karti hai
Answers
Answer:
Register
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12 A
12 B
12 C
13
14
Q. 1
4.0
( 51 Votes )
न
Class 10th
Answer
(क) स्वास्थ्य और खेल-कूद दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं क्योंकि जब मनुष्य खेलता-कूदता है तो प्रसन्न रहता है। मनुष्य में नई-चेतना और नई स्फूर्ति आती है जिससे वो स्वस्थ्य रहता है।
(ख) हम अक्सर देखते हैं कि हवा के झोंके एक-दूसरे का पीछा करते हुए दूर-दूर तक दौड़ते हैं। वृक्षों की शाखाओं को हिला-हिलाकर अठखेलियाँ करते हैं। इस तरह से हम कह सकते हैं कि प्रकृति भी खेल-कूद पसंद करती है।
(ग) जिस तरह रुका हुआ पानी धीरे-धीरे सड़ने लगता है उसी तरह अगर शरीर से काम ना लिया जाए तो शरीर अस्वस्थ हो जाता है। इसलिए अपनी दिनचर्या में खेल-कूद और भागना-दौड़ना भी अवश्य शामिल करना चाहिए।
(घ) जीवन को जल भी कहा जाता है। जिस प्रकार रुका जल सड़ जाता है, दुर्गन्धयुक्त हो जाता है, ठीक इसी प्रकार शिथिल और कर्महीन जीवन से स्वास्थ्य खो जाता है। इस प्रकार हम जीवन को जल के समान मान सकते हैं।
(ङ) पाठ में स्वास्थ्य और खेलकूद के बारे में बताया गया है। इसलिए दिए गए गद्यांश के दो उपयुक्त शीर्षक हो सकते है। पहला- स्वस्थ शरीर। दूसरा- स्वास्थ्य और खेलकूद।