ugadhi pandhuga gurenchi hindi lo
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उगादी या फिर जिसे समवत्सरदी युगादी के नाम से भी जाना जाता है दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्व है। इसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में नववर्ष के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र माह के पहले दिन मनाया जाता है। ग्रागेरियन कैलेंडर के हिसाब से यह पर्व मार्च या अप्रैल में आता है।
Explanation:
उगादी या युगादी नव वर्ष की ख़ुशी में मनाया जाता है। यह त्यौहार डेक्कन राज्यों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह माना जाता है ब्रह्मा जिन्होंने इस श्रष्टि को रचा उन्होंने इसी दिन इस ब्रह्माण्ड को बनाना शुरू किया था।
इस दिन को तेलुगु और कन्नड़ नव वर्ष की शुरुवात भी माना जाता है। यह त्यौहार भारत में कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, और तेलन्गाना में प्रसिद्ध रूप से मनाया जाता है।चैत्र माह के प्रथम अर्ध चन्द्रमा के दिन उगादी के महोत्सव को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष मार्च से अप्रैल महीने के बीच आता है।
इस त्यौहार के समय वसंत ऋतु का आगमन अच्छे से हो चूका होता है और हर जगह त्योहारों का रंग नज़र आता है। पेड़ों में नए पत्ते लहराते हुए सुन्दर दीखते हैं और उगादी का त्यौहार मनाने वाले लोगों के मन में उमंग दीखता है।
वैसे तो शिवजी ने ब्रह्मा जी को शाप दिया था कि उनकी पूजा नहीं होगी। परंतु आंध्र प्रदेश में Ugadi का त्यौहार खासकर भगवान ब्रह्मा जी को समर्पित किया जाता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान् विष्णु जी ने मतस्य अवतार लिया था।
यह आन्ध्र प्रदेश का एक बहुत ही मुख्य त्यौहार है। इस दिन लोग अपने घरों और आस पास की अच्छे से सफाई करते हैं और अपने घरों के प्रवेश द्वार में आम के पत्ते लगाते हैं।
लोग इस दिन अपने लिए और अपने परिवार जनों के लिए सुन्दर कपडे खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग सवेरे से उठते हैं और तिल के तेल को अपने सर और शारीर में लगाते हैं और उसके बाद वे मंदिर जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।लोग इस दिन बहुत ही स्वादिष्ट खाना और मिठाइयाँ बनाते हैं और अपने परिवार और आस पास के लोगों को बाँटते भी हैं। तेलन्गाना में इस त्यौहार के दिन को 3 दिन तक लगातार मनाया जाता है।
इस दिन को लोग बहुत ही शुव अवसर मानते हैं और नव वर्ष के साथ-साथ खुशियों की शुरुवात भी मानते हैं। लोग इस दिन भगवान् को सुन्दर सुगन्धित चमेली के फूलों का हार चड़ाते हैं और उनकी पूजा आराधना करते हैं। मंत्रों के गूंज से वातावरण पवित्र हों जाता हैं।
कुछ लोग अपने घरों की दीवारों को सफ़ेद रंग से पुताई करते हैं और ताज़ा आम के पत्तों से सजाते हैं। घरों को फूलों से सजाते हैं। लोग अपने घरों के दरवाजों पर कलश और उस पर नारियल और आम के पत्तों को रखते हैं।
कई जगहों में इस दिन भक्ति संगीत और कवी सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है और कई पारंपरिक, साहित्य और संस्कृति की झांकियों और को भी पेश किया जाता है।महाराष्ट्र में उगादी का त्यौहार गुडी पडवा के नाम से मशहूर है और छत्रपति शिवाजी के जयंती के साथ साथ इस दिन भी उन्हें सम्मान के साथ याद किया जाता है। इस दिन मराठा सेना युद्ध से विजयी हो कर लौटे थे।सिन्धी लोग इस दिन को चेती चाँद के नाम से मनाते हैं। इस दिन को वे वरुण देवता , जो की जल देवता हैं उनके जन्म दिवस के रूप में वे मनाते हैं। वे इस दिन भगवान जुलेलाल और बेह्रानो साहिब की पूजा करते हैं।मणिपुर में इस दिन को सजीबू चेइराओबा के नाम से मनाया जाता है। सजिबू का अर्थ होता है ऐसे 6 कारण जो एक वर्ष को पूर्ण करते हैं। हलाकि इस त्यौहार का उत्साह उगादी के जितना ही अधिक वह देखा जाता है।इस दिन सभी मणिपुरी लोग सुबह से उठ कर पूजा करते हैं। इस दिन महिलाएं नए चावल, सब्जियों और फूल और फलों से खाना पकाती हैं और उनको लेकर लाइनिंगथोउ सनामही और लेइमरेल इमा सिडबी को भोग चढाते हैं।
अन्य राज्यों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, और तेलन्गाना में भी इस दिन को उगादी Ugadi के नाम से पारंपरिक रूप से मनाया जाता है।
Answer:
हिंदू पंचगम (हिंदू कैलेंडर) के अनुसार उगादि को नए साल के रूप में मनाया जाता है। उगादी या युगदी, जिसे संवत्सरादि ('वर्ष की शुरुआत') के रूप में भी जाना जाता है, भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों के लिए नए साल का दिन है। और हम उगादी पचड़ी भी बनाते है। उगादि पचड़ी नीम के फूल, कच्चे आम, गुड़, काली मिर्च पाउडर और नमक आदि से बनाई जाती है। इसे बनाने की थोड़ी बहुत विविधता है।
I think you asked question in telugu