Hindi, asked by AkshitaGusai, 2 days ago

उक्त पक्तियो मे लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी के बोले अपशब्द का प्रतिउत्तर दिया गया है। भाव-भाव यह है कि लक्ष्मण जी मुस्कराते हुए मधुर वाजी में परशुराम पर व्यग्य कसते हुए कहते है कि हे मुनि आप अपने अभिमान के वश में है। मै इस संसार का श्रेष्ठ योद्धा हूँ, आप मुझे बार-बार अपना फरसा दिखाकर डरा रहे हैं। YE KIS QUESTION KA ANSWER HAII​

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Answered by aaa722
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Answer:

उक्त पक्तियो मे लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी के बोले अपशब्द का प्रतिउत्तर दिया गया है। भाव-भाव यह है कि लक्ष्मण जी मुस्कराते हुए मधुर वाजी में परशुराम पर व्यग्य कसते हुए कहते है कि हे मुनि आप अपने अभिमान के वश में है। मै इस संसार का श्रेष्ठ योद्धा हूँ, आप मुझे बार-बार अपना फरसा दिखाकर डरा रहे हैं।

Explanation:

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Answered by taniyabharti245
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correct nhi hai ye fir se bataye

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