उक्त पक्तियो मे लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी के बोले अपशब्द का प्रतिउत्तर दिया गया है। भाव-भाव यह है कि लक्ष्मण जी मुस्कराते हुए मधुर वाजी में परशुराम पर व्यग्य कसते हुए कहते है कि हे मुनि आप अपने अभिमान के वश में है। मै इस संसार का श्रेष्ठ योद्धा हूँ, आप मुझे बार-बार अपना फरसा दिखाकर डरा रहे हैं। YE KIS QUESTION KA ANSWER HAII
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उक्त पक्तियो मे लक्ष्मण जी द्वारा परशुराम जी के बोले अपशब्द का प्रतिउत्तर दिया गया है। भाव-भाव यह है कि लक्ष्मण जी मुस्कराते हुए मधुर वाजी में परशुराम पर व्यग्य कसते हुए कहते है कि हे मुनि आप अपने अभिमान के वश में है। मै इस संसार का श्रेष्ठ योद्धा हूँ, आप मुझे बार-बार अपना फरसा दिखाकर डरा रहे हैं।
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correct nhi hai ye fir se bataye
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