उन्हीं के ठीये पर।"
क) नसीरुद्दीन के खानदान का पेशा क्या था ? उसने अपनी, आजीविका के लि
अपनाया?
ख) नसीरूद्दीन ने नानबाई का धंधा किससे सीखा ?
ग) उक्त गद्यांन के आधार पर कुछ खानदानी धंधों के नाम गिनाइये।
नेम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
क) 'नमक का दारोगा' कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व है कौन से दो
उभरकर आते हैं ? लिखिए।
ख) 'गलता लोहा' पाठ के आधार पर पहाड़ी गांवो की समस्याओं पर विचार विश्
7) मियां नसीरूद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए
को गलता लोहा' पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
क) शास्त्री तथा चित्रपट-संगीत में क्या अंतर है ?
च) नादमय उच्चार का क्या अर्थ है ? यह लता के गायन में किस प्रकार प्रकट
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1) नसीरुद्दीन का खानदानी पेशा नानबाई बनाने का था। वह अपनी आजीविका के लिए एक दुकान चलाते थे, जहाँ पर वह नानबाई बनाते थे। नानबाई एक विशेष प्रकार की रोटी होती है, जिसको बनाने की कला में नसीरुद्दीन को महारत हासिल थी।
2) इनके वालिद मियाँ बरकत शाही नानबाई थे और उनके दादा आला नानबाई मियाँ कल्लन थे। उन्होंने खानदानी शान का अहसास करते हुए बताया कि उन्होंने यह काम अपने पिता से सीखा। नसीरुद्दीन ने बताया कि हमने यह सब मेहनत से सीखा।
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