Hindi, asked by sarthakj38, 10 months ago

उन जैसा ' बर्ड वाचर ' शायद ही कोई हुआ हो । लेकिन एकांत क्षणों में सालिम अली बिना दूरबीन भी देखे गए हैं । दूर क्षितिज तक फैली ज़मीन और जो झुके आसमान को छूने वाली उनकी नज़रों में कुछ - कुछ वैसा ही जादू था , प्रकृति को अपने घेरे में बाँध लेता है । सालिम अली उन लोगों में थे जो प्रकृति के प्रभाव में आने की बजाए प्रकृति को अपने प्रभाव में लाने के कायल होते हैं । उनके लिए प्रकृति में हर तरफ़ एक हँसती - खेलती रहस्य भरी दुनिया पसरी थी । यह दुनिया उन्होंने बड़ी मेहनत से अपने लिए गढ़ी थी । इसके गढ़ने में उनकी जीवन - साथी तहमीना ने काफी मदद पहुँचाई थी । तहमीना स्कूल के दिनों में उनकी सहपाठी रही थीं ।

ANSWER THE FOLLOWING:

क - बर्ड वाचर से क्या अभिप्राय है ?

ख - सालिम अली बिना दूरबीन कब देखे जाते थे ?

ग - सालिम अली की दृष्टि बडी व्यापक थी । स्पष्ट कीजिए ।​

Answers

Answered by Anonymous
3

Answer:

साँवले सपनों की याद. इस हुजूम में आगे-आगे चल रहे हैं, सालिम अली। अपने कंधें पर सैलानियो की तरह अपने अंतहीन सफर को बोझ उठाए। लेकिन यह सफर पिछले तमाम सफरों से भिन्न है। भीड़-भाड़ की जिंदगी और तनाव के माहौल से सालिम अली का यह आखिरी पलायन है। अब तो वेा उस वन-पक्षी की तरह प्रकृति में विलीन हो रहे हैं, जो जिंदगी को आखिरी गीत गाने के बाद मौत की गोद में जा बसा हो। कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।

Answered by ruchigautam863
2

Answer:

  1. पक्षियों को निहारने वाले मनुष्य को बर्डवाचर कहते हैं | बर्डवाचर पक्षियों के जीवन में गहरी रूचि लेते हैं | सालिम अली भी प्रसिद्ध बर्डवाचर थे|
  2. सालिम अली एकांत क्षणों में बिना दूरबीन के देखे जाते थे|
  3. दूर क्षितिज तक फैली ज़मीन और जो झुके आसमान को छूने वाली उनकी नज़रों में कुछ - कुछ वैसा ही जादू था , प्रकृति को अपने घेरे में बाँध लेता है ।

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