उन परिस्थितियों का वर्णन कीजिए जिन्होंने 1942 ईस्वी में भारत छोड़ो आंदोलन को जन्म दिया
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answer-Mahatma Gandhi
Answer:
भारत छोड़ो आंदोलन
Explanation:
अगस्त 1942 में गांधी जी ने ''भारत छोड़ो आंदोलन'' की शुरूआत की तथा भारत छोड़ कर जाने के लिए अंग्रेजों को मजबूर करने के लिए एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन ''करो या मरो'' आरंभ करने का निर्णय लिया। गांधी जी ने एक और बड़ा आन्दोलन प्रारम्भ करने का निश्चय लिया जिसे भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India movement) का नाम दिया गया. दूसरी ओर दूसरे विश्वयुद्ध के कारण परिस्थितियां अत्यधिक गंभीर होती जा रही थीं. जापान सफलतापूर्वक सिंगापुर, मलाया और बर्मा पर कब्ज़ा कर भारत की ओर बढ़ने लगा, वहीं युद्ध के कारण तमाम वस्तुओं के दाम बेतहाशा बढ़ रहे थे और इस वजह से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीय जनमानस में असन्तोष व्याप्त होने लगा था.
महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) द्वारा चलाए गए आंदोलनों की दो मुख्य प्रवृत्तियां रहीं. स्वयं एक धार्मिक व्यक्ति होने के बाद भी उन्होंने अपनी संघर्ष संबंधी कोशिशों में धर्म को हस्तक्षेप नहीं करने दिया. दूसरी तरफ गांधी ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद को मुख्य दुश्मन की तरह पेश किया. व्यापक पैमाने पर लोग इन आंदोलनों से इसलिए जुड़े कि उन्होंने स्वयं महसूस किया कि उनकी दरिद्रता और समस्याओं के लिए अंग्रेजी साम्राज्यवाद काफी हद तक जिम्मेदार है.
इसलिए जब उन्होंने 1942 में देश छोड़ो आंदोलन की आवाज खड़ी की तो देश के कोने-कोने में इसके समर्थन में लहर चल पड़ी. परंतु एक नैतिक व्यक्ति होने के नाते गांधी जी को जब लगा कि आंदोलन में कुछ ऐसे तत्व आ गए हैं जो इसे कमजोर करेंगे तो उन्होंने आंदोलन को स्थगित कर दिया. इस तरह का हौसला आज के दौर में शायद ही किसी में होगा.