उन दिनों दिल्ली में बड़ी सनसनी फैली हुई थी। नगर के सभी भागों से बच्चों के उठाए जाने की खबरें आ रही थीं।
एक-दो बार पत्रों में यह छपा कि जमुना के पुल पर कुछ आदमी पकड़े गए जिन्होंने बोरियों में बच्चे बंद किए हुए थे।
स्कूलों से बच्चे बहुत सावधानी से लाए जाते थे। पार्कों में और बाहर गलियों में बच्चों का खेलना-कूदना बंद हो चुका
था। दिल्ली नगरपालिका और संसद में इसी विषय पर अनेक सवाल-जबाब हो चुके थे इसलिए इस मामले में राजधानी
के सभी नागरिकों की दिलचस्पी थी। आश्चर्य इस बात का नहीं कि लोगों ने अमरू पर संदेह क्यों किया, बल्कि इस बात
का था कि उन्होंने अभी तक उसकी मार-पिटाई शुरू क्यों नहीं कर दो। वातावरण में सनसनी और तनाव को कमो न थी।
अगर थानेदार और पुलिस का सिपाही वहाँ न होते तो अबतक अमरू पर भीड़ टूट पड़ी होती। थानेदार ने आते ही
अमरू की कलाई पकड़ ली और पूछा, "बोल, यह बच्चा तूने कहाँ से उठाया है और इसे तू कहाँ ले जा रहा है? बता
कहाँ हैं तेरे और साथी? आज सबका सुराग लगाकर ही हटूंगा।" अमरू अब तक तो दिल में हँस रहा था मगर थानेदार
की धमकियों से कुछ घबरा गया। दबी आवाज में वह थानेदार से बोला-"सरकार, मैंने किसी का बच्चा नहीं उठाया।
न में बदमाश हूँ। मैं तो एक भले घर का नौकर हूँ। रोटी-चौका करता हूँ और अपना पेट पालता हूँ।
जो आदमी थानेदार को बुलाकर लाया था, क्रोध में आकर बोला, "क्यों बकता है, बे! दरोगा जी, ऐसे नहीं यह
मानेगा। दो-चार बेंत रसीद कीजिए।" दरोगा ने बगल से निकाल कर बेंत अपने हाथ में ली ही थी कि अमरू नम्रतापूर्वक
झुका और बोला, “सरकार, आप जितना चाहें मुझे पीट लें, पहले यह तो देख लें कि इस बोरी में है क्या? हुक्म हो
तो चलिए थाने चलें।" यद्यपि थानेदार इस बात पर राजी हो गए थे पर भीड़ कब मानने वाली थी। लोग चिल्ला उठे,
हरगिज नहीं, ऐसा कभी नहीं होगा। हम सब इस आदमी को बदमाशी के गवाह हैं। मामला कभी दबने नहीं देंगे।"
थानेदार डर गए कि उनकी नीयत पर लोगों को शक हो रहा है उन्होंने अमरू से कहा, "अच्छा, बोरी को नीचे रखो।
इसका मुंह खोलो।"
अमरू शांतिपूर्वक नीचे बैठ गया और धीरे से उसने बोरी का मुँह खोल दिया। जैसे ही बोरी का मुँह खुला बिल्ली
का बिलुंगडा छलाँगें मारता हुआ एक तरफ भाग गया और लोग देखते ही रह गए।
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(1) आकृति पूर्ण कीजिए :
(i)
सनसनीपूर्ण खबरों का परिणाम-
Answers
1) आकृति पूर्ण कीजिए :
सनसनीपूर्ण खबरों का परिणाम-
उत्तर : सनसनीपूर्ण खबरों का परिणाम अच्छा नहीं होता क्योंकि कुछ सनसनीपूर्ण खबरों को ऐसे ही अपने सोच के कारण बढ़ा-चढ़ा कर लोगों तक अफ़वाह फैलातें है | लोग भी सुनी-सुनाई बातों में आकर , आगे से आगे बात को फैलाते है |
जिस प्रकार अमूर ने बोरी में बिल्ली के बच्चे को पकड़ा था , इसी बात की ड़ी सनसनी फैली हुई थी। नगर के सभी भागों से बच्चों के उठाए जाने की खबरें आ रही थी। सभी लोग डरना लगे | अपने बच्चों को बाहर भेजना बंद कर दिया | नगरपालिका और संसद इसी बात को लेकर चर्चा पर थे |
सभी लोग अफवाएं सुनकर , अमुरु पर लोगों की सारी भीड़ टूट पड़ी | जब पुलिस वालों ने अमूर से सवाल-जवाब किए कि तब जाकर अमुरु ने कहा बोरी में देखो , बोरी में बिल्ली का बच्चा निकलना और वह भाग गया | सब यह देखते ही रह गए | अमुरु हँस कर निकल गया |
इस प्रकार हमें सनसनीपूर्ण खबरों में विश्वास नहीं करना चाहिए , कभी भी रास्तों में भीड़ नहीं लगानी चाहिए | जब तक पुरी सच्चाई का पता ना चले तब तक अफवाएं नहीं फैलानी चाहिए | अफवाओं के कारण से समाज में रहने वाले सभी लोगों मुश्किलों का सामना करना पड़ता है |
Answer:
sansani per Delhi mein aaya Parivartan