Hindi, asked by ketki3070, 1 month ago

उन दिनों दिल्ली में बड़ी सनसनी फैली हुई थी। नगर के सभी भागों से बच्चों के उठाए जाने की खबरें आ रही थीं।एक-दो बार पत्रों में यह छपा कि जमुना के पुल पर कुछ आदमी पकड़े गए जिन्होंने बोरियों में बच्चें बंद किए हुए थे। स्कूलों से बच्चे बहुत सावधानी से लाए जाते थे।पार्कों में और बाहर गलियों में बच्चों का खेलना-कूदना बंद हो चुका था।दिल्ली नगरपालिका और संसद में इसी विषय पर अनेक सवाल-जवाब हो चुके थे। इसलिए इस मामले में राजधानी के सभी नागरिकों की दिलचस्पी थी।आश्चर्य इस बात का नहीं कि लोगों ने अमरू पर संदेह क्यों किया, बल्कि इस बात का था कि उन्होंने अभी तक उसकी मार-पिटाई शुरू क्यों नहीं करदी।वातावरण में सनसनी और तनाव की कमी न थी।

'फैलती सनसनी में मेरी भूमिका' विषय पर अपना मत लिखिए।

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Answered by anujangid055
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Answer:

नगर के सभी भागों से बच्चों के उठाए जाने की खबरें आ रही थीं। एक-दो बार पत्रों में यह छपा कि जमुना के पुल पर कुछ आदमी पकड़े गए जिन्होंने बोरियों में बच्चें बंद किए हुए थे। ... पार्कों में और बाहर गलियों में बच्चों का खेलना-कूदना बंद हो चुका था। दिल्ली नगरपालिका और संसद में इसी विषय पर अनेक सवाल-जवाब हो चुके थे।

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