उनपूर्ण मानिता का
साहित वर्णन
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उत्तर :
लेखक अपने छोटे भाई को कुएं के बाहर छोड़कर चिट्ठियां निकालने के लिए सांप वाले कुएं में दाखिल हुआ है ।उसने सोचा था कि वह डंडे से सांप को मारकर चिट्ठियां लेकर बाहर आ जाएगा। किंतु कुएं का व्यास बहुत कम था वहां डंडा चलाना संभव ही नहीं था। चिट्टियां सांप के आस-पास ही गिरी हुई थी। लेखक के सामने दो रास्ते थे। एक तो यह कि वह सांप को मार दे और दूसरा यह किस सांप से बिल्कुल छेड़खानी किए बगैर चिट्टियां उठा ले। लेखक ने दूसरी रास्ते को छोड़ने का निश्चय किया। जैसे ही लेखक ने धीरे-धीरे सांप के पास पड़ी चिट्ठी की ओर डंडा बढ़ाया तो सांप ने डंडे पर हमला कर दिया। लेखक के हाथ से डंडा छूट गया है । उसने डंडा उठाकर फिर चिट्ठी उठाने की कोशिश की तो सांप ने डंडे पर दोबारा हमला किया और डंडे पर चिपट गया। झिझक, सहम और आतंक से लेखक की ओर डंडा खिंच गया और उसके व सांप के स्थान बदल गए। लेखक ने फौरन चिट्टियां उठाकर धोती के एक छोर में बांध ली। इस तेजी में डंडा सांप के पास गिर गया था। लेखक ने कुएं के बगल से थोड़ी सी मिट्टी मुट्ठी में लेकर सांप के दाई और फेंकी। सांप तुरंत उस मिट्टी पर झपटा और लेखक ने तेज़ी से डंडा उठा लिया। इसके बाद वह डंडा लेकर ३६ फुट ऊपर चढ़कर कुएं के बाहर सही सलामत पहुंच गया। उसकी बांहे पूरी तरह थक गई थी और छाती फूल कर धौकनी के समान चल रही थी; किंतु चिट्टियां लेकर कुएं के बाहर पहुंच जाने की उसे बहुत खुशी हो रही थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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