Hindi, asked by BhumyRawat, 8 months ago

उपुक्त गद्यांश में लेखक ने व्याप्त खोखलेपन और दिखावेपन को दर्शाया है ? क्या आज भी ये प्रचलन जारी है ?​

Answers

Answered by saurabh21969
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Answer:

लेखक का केहना है की आज के इस युग में हर किसी को अपने काम की जल्दी होती है किसी को किसी के लिए वक्त नहीं है बाहर से लोग कुछ और होते है और अंदर से कुछ और प्रचलन को रोकने के लिए हमे एक जुट होना होगा

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