Hindi, asked by papakiprincess777, 1 month ago

उपेन्द्रनाथ अश्क की सर्वाधिक प्रौढ़ नाट्यकृती​

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Answered by sujeetrana7370
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Answer:

उपेंद्रनाथ अश्क ने साहित्य की प्राय: सभी विधाओं में लिखा है, लेकिन उनकी मुख्य पहचान एक कथाकार के रूप में ही है। काव्य, नाटक, संस्मरण, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि क्षेत्रों में वे खूब सक्रिय रहे। इनमें से प्राय: हर विधा में उनकी एक-दो महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय रचनाएं होने पर भी वे मुख्यत: कथाकार हैं। उन्होंने पंजाबी में भी लिखा है, हिंदी-उर्दू में प्रेमचंदोत्तर कथा-साहित्य में उनका विशिष्ट योगदान है।

Answered by Arna146
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Answer:

नाटक के पंचम वेद की मान्यता भरतमुनि ने प्रदान की। नाटक के उद्भव के संबंध में भरतमुनि ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ 'नाट्यशास्त्र' में एक घटना का उल्लेख किया है। उनके अनुसार देवताओं की प्रार्थना पर बह्मा ने ऋग्वेद से पाठ, सामवेद से गान, यजुर्वेद से अभिनय और अथर्ववेद से रस लेकर पाँचवें वेद के रूप में 'नाट्य-वेद' की रचना की।

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