उपार्जित आय एवं अनुपार्जित आय में अन्तर समझाइए।
Answers
answer :
उपार्जित आय
अनुपार्जित आय
1.
आशय
यह वह आय होती है जो व्यापारी द्वारा अन्तिम खाते बनाने की तिथि तक कमाई जा चुकी होती है।
यह वह आय होती है जो व्यापारी द्वारा अन्तिम खाते बनाने की तिथि तक कमाई गई नहीं होती है।
2.
प्राप्ति
यह चालू वर्ष में प्राप्त नहीं हुई होती है।
यह चालु वर्ष में ही प्राप्त हो गई होती है।
3.
लाभ-हानि खाते में लिखने का ढंग
इसे लाभ-हानि खाते में सम्बन्धित आय में जोड़कर दिखाया जाता है।
इसे लाभ-हानि खाते में सम्बन्धित आय में से घटाकर दिखाया जाता है।
4.
आर्थिक चिट्ठे में लिखने का विधि
इसे आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्ति पक्ष की ओर दिखाया जाता है।
इसे आर्थिक चिट्ठे में दायित्व पक्ष की ओर दिखाया जाता है।
Answer:
उपार्जित आय एवं अनुपार्जित आय में अन्तर इस प्रकार है-
Explanation:
1. अभिप्राय
उपार्जित आय वह आय है जो व्यापारी द्वारा अंतिम खाता निर्माण की तिथि तक अर्जित की जाती है।
अनर्जित आय वह आय है जो व्यापारी द्वारा अंतिम खाता निर्माण की तिथि तक अर्जित नहीं की जाती है।
2. रसीद
उपार्जित आय चालू वर्ष में प्राप्त नहीं होती है।
अनर्जित आय चालू वर्ष में ही प्राप्त होती है।
3. लाभ और हानि खाते में लिखने का तरीका
उपार्जित आय को लाभ और हानि खाते में संबंधित आय में जोड़कर दिखाया जाता है।
अनर्जित आय को संबंधित आय से घटाकर लाभ-हानि खाते में दिखाया जाता है।
4. तुलन पत्र में लिखने का तरीका
उपार्जित आय को तुलन पत्र में संपत्ति के पक्ष में दिखाया गया है।
तुलन पत्र में अनर्जित आय को देयता पक्ष पर दिखाया गया है।
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