Political Science, asked by sharmaprince06362, 6 months ago

उपाधियों की समाप्ति किस प्रकार के nyay के अंतर्गत आती है​

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Answered by kumardineshkaushal14
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Answer:

kisi ke nahigh hre jjsd kkfe zke

Answered by chandrahasapoojary2
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Answer:

समता का अधिकार वैश्विक मानवाधिकार के लक्ष्यों के प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के अनुसार विश्व के सभी लोग विधि के समक्ष समान हैं हक़दार हैं।[1] -------- तिरु. 750 राकेश सिहं पेन्द्रो !

भारत में समता/समानता का अधिकारसंपादित करें

भारतीय संविधान के अनुसार, भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकारों के रूप में समता/समानता का अधिकार (अनु. १४ से १८ तक) प्राप्त है जो न्यायालय में वाद योग्य है।[2] ये अधिकार हैं-

अनुच्छेद १४= विधि के समक्ष समानता।

अनुच्छेद १५= धर्म, वंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा।

अनुच्छेद15(4)= सामाजिक एवम् शैक्षिक दषि्ट से पिछडे वर्गो के लिए उपबन्ध।

अनुच्छेद १६= लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता।

अनुच्छेद १७= छुआछूत (अस्पृश्यता) का अन्त कर दिया गया है।

अनुच्धेद १८= उपाधियों का अन्त कर दिया गया है।

अब केवल दो तरह कि उपाधियाँ मान्य हैं- अनु. १८(१) राज्य सेना द्वारा दी गयी व विद्या द्वारा अर्जित उपाधि। इसके अतिरिक्त अन्य उपाधियाँ वर्जित हैं। वहीं, अनु. १८(२) द्वारा निर्देश है कि भारत का नागरिक विदेशी राज्य से कोइ उपाधि नहीं लेगा।[3]

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