उपभोक्ता अनधिमान वक्र की सीमांत प्रतिस्थापन दर
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वह दर जिस पर उपभोक्ता वस्तु-x की अतिरिक्त इकाई प्राप्त करने के लिए वस्तु-y की मात्रा त्यागने के लिए तैयार है। उपभोक्ता को समान स्तर की उपयोगिता अथवा संतुष्टि प्रदान करता है। अनधिमान वक्रों की विशेषताएं: (1) अनधिमान वक्र ऋणात्मक ढलान वाले होते हैं।
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Explanation:
किसी वस्तु के एकत्रित इकाई प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता दूसरी वस्तु की जितनी इकाइयों को छोड़ता है उसे सीमांत प्रतिस्थापन दर कहा जाता है
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