उपभोक्तावाद की संस्कृति का प्रश्न अभ्यास भेजो।
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Question 1: लेखक के अनुसार जीवन में ‘सुख’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: लेखक के अनुसार आज ‘सुख’ का अभिप्राय बदल गया है। उपभोक्तावाद के इस युग में भोग-उपभोग ही सुख है। यहाँ पर सुख में संतुष्टि का कोई मतलब नहीं है।
Question 2: आज की उपभोक्तावादी संस्कृति हमारे दैनिक जीवन को किस प्रकार प्रभावित कर रही है?
उत्तर: आज की उपभोक्तावादी संस्कृति हमारे दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। अब हम किसी भी वस्तु का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए नहीं करते हैं कि वह हमारी किसी जरूरत को पूरा करती है बल्कि इसलिए करते हैं कि उससे हम कितना अधिक दिखावा कर सकते हैं। बहुत सी चीजें हम ऐसी खरीद लेते हैं जिनका हम कभी भी इस्तेमाल नहीं करते। हम उन्हें सिर्फ इसलिए खरीदते हैं कि उनके विज्ञापन ने हमें यह मानने को मजबूर कर दिया कि उनके बगैर समाज में हमारी कोई प्रतिष्ठा ही नहीं रहेगी। इसी तरह से हम पाँच सितारा होटलों में शादी का कार्यक्रम इसलिए रखते हैं ताकि समाज में हमारी झूठी प्रतिष्ठा में इजाफा हो। ऐसा करते समय हमें अक्सर फिजूलखर्ची करनी पड़ती है।