उपभोक्ता व्यवहार विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाइये।
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उपभोक्ता व्यवहार विश्व की समस्त विपणन क्रियाओं का केन्द्र बिन्दु उपभोक्ता है। आज विपणन के क्षैत्र में जो कुछ भी किया जा रहा है उसके केन्द्र में कही न कही उपभोक्ता विद्यमान है। इसलिए उपभोक्ता को बाजार का राजा या बाजार का मालिक कहा गया है। सभी विपणन संस्थाए उपभोक्ता की आवश्यकताओं इच्छाओं, उसकी पंसद एवं नापंसद आदि पर पर्याप्त ध्यान देने लगी है। इतना ही नहीं विपणनकर्ता उपभोक्ता के व्यवहार को जानने एवं समझने में लगे हुए है। उपभोक्ता व्यवहार से आशय उपभोक्ता की उन क्रियाओं एवं प्रतिक्रियाओं से है जो वह किसी उत्पाद को क्रय करने एवं उपयोग के दौरान उससे पहले या बाद में करता है।
वाल्टर तथा पॉल के अनुसार-’’उपभोक्ता व्यवहार वह प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत लोग यह निर्णय लेते है कि कौन सा माल तथा सेवाए कब, कहॉ से, किस प्रकार तथा किससे खरीदनी है अथवा नहीं।’’
कुर्ज तथा बून के अनुसार -’’’’उपभोक्ता व्यवहार में लोगों की वे क्रियाएं सम्मिलित है जो वे माल तथा सेवाओं को प्राप्त करने एवं उनका उपयोग करने हेतु करते है तथा इनमें वे निर्णयन प्रक्रियाए भी सम्मिलित है जो उन क्रियाओं को निर्धारित करने तथा निर्धारित करने से पहले की जाती है।’’
वेबस्टर के अनुसार -’’क्रेता व्यवहार भावी ग्राहकों का वह सम्पूर्ण मनोवैज्ञानिक, सामाजिक तथा शारीरिक व्यवहार है जो वे उत्पादों तथा सेवाओं से अवगत होने, उनका मूल्यांकन करने, क्रय करने, उपभोग करने तथा उनके बारे में दूसरों को बताने में करते हैं।
निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि उपभोक्ता व्यवहार उपभोक्ताओं का वह व्यवहार है जो वे किसी उत्पाद या सेवा के क्रय या उपयोग से पूर्व, पश्चात एवं क्रय निर्णय प्रकिया के दौरान करते हैं।
उपभोक्ता व्यवहार की विशेषताएँ/प्रकृति
उपभोक्तावहा व्यर की विशेषताओं एवं उसकी प्रकृति का अध्ययन इन बिन्दुओं के आधार पर किया जा सकता है।
क्रय निर्णयन प्रक्रिया - कुर्ज तथा बून के अनुसार ‘‘एक व्यक्ति का क्रय व्यवहार उसकी सम्पूर्ण क्रय निर्णयन प्रक्रिया है न कि केवल क्रय प्रक्रिया का एक चरण। ‘‘ इस कथन से स्पष्ट है कि उपभोक्ता व्यवहार एक उपभोक्ता के क्रय व्यवहार की एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा वह किसी उत्पाद या सेवा को क्रय करने का निर्णय लेता है।
प्रगटीकरण - एक उपभोक्ता के व्यवहार का प्रगटीकरण उसकी उन क्रियाओं एवं प्रतिक्रियाओं से होता है जिनको वह किसी उत्पाद या सेवा के क्रय पूर्व, पश्चात या क्रय करने के दौरान करता है।
परिवर्तनशील -उपभोक्ता व्यवहार परिवर्तनशील होता है उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन के अनेक कारण होते है। उपभोक्ता विभिन्न श्रोतों से सूचनाएं एवं जानकारी प्राप्त करता है। इसके अलावा उपभोक्ता की आयु, आय तथा वातावरण में परिवर्तन होने पर उसके क्रय व्यवहार में परिवर्तन होता है। अत: यह कहा जा सकता है कि उपभोक्ता व्यवहार परिवर्तनशील है।
व्यवहार में भिन्नता - सभी उपभोक्ता एक प्रकार के नहीं होते हैं। उनकी आवश्यकताए दूसरों से भिन्न होती है तथा वे परिस्थितियॉ जिनमें उपभोक्ता जीवन यापन करता है दूसरों से भिन्न होती है। उपभोक्ता की आय, आयु, व्यवसाय व पैशा आदि में भी भिन्नता होती है अत: उपभोक्ता व्यवहार में भिन्नता पाई जाती है।
एक व्यापक शब्द - उपभोक्ता व्यवहार एक व्यापक शब्द है। जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ संस्थागत एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं का व्यवहार भी सम्मिलित हैं घरेलू उपभोक्ता वह उपभोक्ता है जो अपने स्वयं के या परिवार के उपभोग हेतु उत्पादों को क्रय करता है जबकि औद्योगिक एवं स्ंस्थागत उपभोक्ता वे उपभोक्ता है जो पुन: उत्पादन या पुन: विक्रय हेतु उत्पादों को क्रय करतें है। अत: उपभोक्ता व्यवहार में सभी प्रकार के उपभोक्ताओं का व्यवहार सम्मिलित है।
समझने में कठिनाई - उपभोक्ता व्यवहार एक जटिल पहेली है। उपभोक्ता किन परिस्थितियेां में कैसा व्यवहार करेगा इसकी पूर्व जानकारी करना या पता लगाना बहुत कठिन है। उपभोक्ता की अनेक आवश्यकताए होती है। अपनी इच्छाओं एवं आवश्यकताओं का उपभोक्ता द्वारा प्रगटीकरण हो भी सकता है और नहीं भी। कई उपभोक्ता शर्मीले स्वभाव के होते है उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना बहुत कठिन कार्य होता है।
उपभोक्ता व्यवहार अध्ययन एवं विश्लेषण - उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन एवं विश्लेषण करने के बाद क्रय व्यवहार सम्बंधी कई प्रश्नों या समस्याओं को जाना एवं समझा जा सकता है। उपभोक्ता व्यवहार का अध्ययन एवं विश्लेषण कर निम्न प्रश्ना ें के उत्तर प्राप्त किये जा सकते है :-
वह किन उत्पादों को क्रय करना चाहता है उत्पाद का ब्रान्ड नाम एवं उत्पादक कौन है।
वह उन उत्पादों को क्यो क्रय करना चाहता है तथा उन उत्पादों से उसे किस प्रकार की संतुष्टि प्राप्त होती है।
वह उन का क्रय किस प्रकार करना चाहता है।
उत्पादों का क्रय कहॉ से करना चाहता है फुटकर व्यापारी, माल या डिपार्टमेन्टल स्टोर से।
उत्पादों का क्रय कब करना चाहता है? किसी भी समय या निश्चित अवसरों पर ?
वह उनका क्रय किन से करना चाहता है।
संतुष्टि की व्याख्या-उपभोक्ता व्यवहार क्रेता या उपभोक्ता की संतुष्टि की व्याख्या करता है। यदि उत्पाद के उपभोग से उसे संतुष्टि प्राप्त होती है तो वह पुन: उसी उत्पाद को खरीदने का प्रयास करता है। यदि उत्पाद का उपभोग करने के पश्चात उसे असंतुष्टि का अनुभव होता है। तो वह उस उत्पाद को पुन: क्रय नहीं करने का निर्णय लेता है।
उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले घटक
उपभोक्ता व्यवहार अनेक घटकों द्वारा प्रभावित होता है। उपभोक्ता अनेक कारणों या बातों को ध्यान में रखकर क्रय निर्णय लेता है। उपभोक्ता व्यवहार के घटकों को इन भागों में बांटकर अध्ययन किया जा सकता है।
1.व्यक्तिगत घटक 2.आर्थिक घटक 3.मनोवैज्ञानिक घटक 4.सांस्कृतिक घटक 5.सामाजिक घटक 6.अन्य घटक