Hindi, asked by binay7394, 3 months ago

उपकारी का स्वभाव कैसा होता है?​

Answers

Answered by itzsweetycandy
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Explanation:

बापूनन्दन मिश्र

रतनपुरा/मऊ: यह उद्गार हैं अयोध्या से पधारे संत राम दयाल बापू जी के जो स्थानीय बाजार के काली मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शानिवार को व्यक्त किए ।अपने प्रवचन में बापू जी ने कहा कि मनुष्य का जन्म बड़े भाग्य से मिलता है इसके लिए तो ऋषि महर्षि भी तरसते हैं ,

बड़े भाग्य मानुष तन पावा …

ऋषि दुर्लभ सुर संतहि गावा…

मनुष्य का जन्म लेकर अधिगम सिर्फ माया मोह में फंसे रहे तो जीवन निरर्थक है हमें परम पिता परमेश्वर के प्रति भी भक्ति और प्रेम भाव प्रदर्शित करना है सेवा करनी ,क्योंकि उसी परम पिता परमेश्वर की देह सृष्टि है समस्त सृष्टि का संचालन परम पिता परमेश्वर के द्वारा ही होता है इसलिए उस परमपिता परमेश्वर को अपने दिल में बसाया है तभी आपका कल्याण होगा ।

सियाराम मय सब जग जानी..

करहू प्रनाम जोरि जुग पानी…

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