Hindi, asked by vk48gaming19, 13 hours ago

उपनिषदों की क्या विशेषता है ? इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?​

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Answered by BalGanesh1
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Answer:

उपनिषद क्या है ? भारतीय आध्यात्मिक दर्शन का आधार है उपनिषद। चारों वेदों का सार है उपनिषद। जीव और ब्रह्म के संबंध का विज्ञान है उपनिषद। उपनिषद केवल धार्मिक ग्रन्थ नहीं है बल्कि अध्यात्म विज्ञान के सबसे पुराने लिखित संस्करण भी है।

Explanation:

Answered by harishupret22
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Answer:

उपनिषद क्या है ?

उपनिषद संस्कृत भाषा मे लिखे भारतीय आध्यात्मिक दर्शन के सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। इतिहास विदों के अनुसार ईशा पूर्व 500 से 800 वर्ष पहले उपनिषदों को लिखा गया था।  उपनिषद वेदों मे दिए विषयों को दार्शनिक ढंग से प्रस्तुत करते है।  उपनिषदों मे ईश्वर का अस्तित्व, जीव जगत का रहस्य, ईश्वर और जीव  के बीच संबंधों को विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया है।

मूलतः वेदों को दो भागों मे बांटा गया है।  कर्म-काण्ड और ज्ञान काण्ड।  कर्म काण्ड मे अनुष्ठान, संस्कार और पूजा विधि पर जोर दिया गया है।  उपनिषदों का भाग ज्ञान कांड का हिस्सा है।  यहाँ दर्शन शास्त्र का सहारा लेकर जीवन के मूलभूत प्रश्नो के उत्तर खोजने का प्रयास किया गया है।

उपनिषद शब्द का अर्थ है समीप बैठना।  उपनिषद शब्द के अर्थ को दो प्रकार से समझा जा सकता है। पहला है गुरु के चरणों के समीप बैठ कर ज्ञान अर्जित करना।  ज्ञान के प्रकाश को तभी पाया जा सकता है जब अज्ञान के अँधेरे समाप्त हो जाये।  और जो हमारे जीवन को अज्ञान के अँधेरे से निकाल कर प्रकाशमय बनाता है वही गुरु होता है।  इसलिए कहा गया है की गुरु के चरणों के समीप बैठ कर ही सच्चा ज्ञान पाया जा सकता है।

दूसरे प्रकार से समझने का प्रयास करे तो उपनिषद शब्द का अर्थ है संसार से दूर होकर अपने अंतः करण के समीप बैठना। संसार के कोलाहल और शोर मे ज्ञान अर्जित कर पाना असंभव है।  इस शोर से दूर जो अपने समीप रह कर शांत चित्त से ईश्वर जगत का चिंतन करता है वही उस परम ज्ञान को समझ सकता है।  इसलिए अपने अंतः करण के समीप बैठ कर  उसे समझना अत्यंत जरुरी है।

इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?​

सनातन धर्म का आधार : सनातन धर्म के विकास की राह मे उपनिषदों ने  उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।  ज्ञान और दर्शन की जो गहराई आज हिन्दू धर्म मे पायी जाती है वह उपनिषदों की ही देन है।  उपनिषदों ने हिन्दू धर्म को वैदिक अनुष्ठान की परम्परा से बाहर निकल कर एक नई विचारधारा और दर्शन प्रदान किया।  अन्यथा हिन्दू धर्म केवल अनुष्ठान और कर्मकांड तक सिमित रहकर अन्धविश्वास के जंजाल मे फंस जाता।

भारतीय संस्कृति का आधार : भारतीय संस्कृति की उन्नति के क्रम मे उपनिषदों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  प्राचीन भारत के कई विचारक और धार्मिक आंदोलन उपनिषदों के आधार पर खड़े हुए थे।  जैन धर्म और बौद्ध धर्म के कई वैचारिक दर्शन उपनिषदों से ही प्रेरित है।हिन्दू धर्म के अंतर्गत भी कई दर्शन पाए जाते है।  द्वैत सिद्धांत,  विशिष्टाद्वैत,  द्वैताद्वैत सिद्धांत और अद्वैत सिद्धांत।  इन सभी के मूल मे उपनिषदों का ज्ञान ही समाहित है।

सनातन धर्म का आधार : सनातन धर्म के विकास की राह मे उपनिषदों ने  उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।  ज्ञान और दर्शन की जो गहराई आज हिन्दू धर्म मे पायी जाती है वह उपनिषदों की ही देन है।  उपनिषदों ने हिन्दू धर्म को वैदिक अनुष्ठान की परम्परा से बाहर निकल कर एक नई विचारधारा और दर्शन प्रदान किया।  अन्यथा हिन्दू धर्म केवल अनुष्ठान और कर्मकांड तक सिमित रहकर अन्धविश्वास के जंजाल मे फंस जाता।

भारतीय संस्कृति का आधार : भारतीय संस्कृति की उन्नति के क्रम मे उपनिषदों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  प्राचीन भारत के कई विचारक और धार्मिक आंदोलन उपनिषदों के आधार पर खड़े हुए थे।  जैन धर्म और बौद्ध धर्म के कई वैचारिक दर्शन उपनिषदों से ही प्रेरित है।हिन्दू धर्म के अंतर्गत भी कई दर्शन पाए जाते है।  द्वैत सिद्धांत,  विशिष्टाद्वैत,  द्वैताद्वैत सिद्धांत और अद्वैत सिद्धांत।  इन सभी के मूल मे उपनिषदों का ज्ञान ही समाहित है।  

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