उपन्यास
रिक्त स्थानों की पूर्ति काज
काव्य है। (दृश्य / श्रव्य)
उपन्यास से प्रसिद्ध
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन
थे। (आलोचन
चौधरी बदरीनारायण प्रेमधन' सुप्रसिद्ध
के आगमन के साथ ही हिंदी आलोचना का आरंभ
(भारतेंदु हरिश्चंद्र / महावीर प्रसाद द्विवेदी)
में लेखक स्वयं अपने जीवन की कथा पाठकों के
जीवती/ आत्मकथा)
य जब स्वभावगत हो जाता है, तब
कहलाता है ।
च्छे अध्यक्ष
होते हैं।( रेडीमेड/ आकर्षक)
छे अध्यक्ष प्रमुख वक्ता से
कें किसी की तरह मेरी पीठ को सहलाती हुई
'नवयुवक/ बुजुर्ग)
बद्ध की पत्नी का नाम
होते हैं। (सहमत/अस
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