उपर्युक्त कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए हिंदी खिलौने वाला पोयम
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“खिलौने वाला” कविता का सारांश
“खिलौने वाला” कविता हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ द्वारा रचित कविता है। इस कविता का भावार्थ इस प्रकार है...
भावार्थ : छोटा बालक अपनी माँ से कहता है, माँ देखो खिलौने वाला आज तरह-तरह के खिलौने लेकर आया है। उसके पिंजरे में एक हरा तोता है तो उसके पास एक मोटर गाड़ी भी है जो धीरे धीरे चलती है। उसके पास एक रेलगाड़ी भी है, जिसमें चाबी भर देने से गाड़ी चलने लगती है। उसके पास कानों बाली पहने गुड़िया है तो उसके पास टी-सेट और लोटा थाली भी हैं। माँ खिलौने वाले के पास देखो छोटे-छोटे धनुष बाण हैं और वह आवाज लगा रहा है। देखो मुन्नू ने गुड़िया खरीदी है और देखो मोहन ने मोटर गाड़ी खरीद ली है। माँ देखो सरल अपनी माँ से साड़ी खरीदने की जिद कर रही है, भला खिलौने वालों के पास साड़ी क्यों होगी, वो तो कपड़े वाले रखते हैं। माँ मेरे पास चार पैसे है, लेकिन मैं सब बच्चों की तरह तोता. बिल्ली, मोटर गाड़ी नहीं खरीदूंगा। मैं तो तलवार या तीर कमान खरीदूंगा। माँ मैं तीर कमान को जंगल में जाऊंगा और भगवान राम की तरह किसी ताड़का को मार गिराऊंगा, ताकि वन सभी तपस्वी निश्चिंत होकर तपस्या-साधना कर सकें। माँ मैं राम बनूंगा और आपको कौशल्या बनाऊंगा। आप मुझसे जंगल जाने को कहोगी तो मैं आप के आदेश पर हंसते-हंसते जंगल चला जाऊंगा। फिर बालक अचानक चिंतित होकर कहता है, लेकिन माँ! अगर मैं जंगल चला गया तो मैं आपके बिना रहूंगा कैसे? अगर मैं रूठ जाऊंगा तो जंगल में मुझे मनायेगा कौन? कौन मुझे अपनी गोद में बिठाकर मुझे तरह-तरह की चीजें कौन देगा?
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