उपर्युक्त पदयश का भावधि लिखिए
।
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उपर्युक्त पद्यांश का भावार्थ
मेरा हृदय कृष्ण को समर्पित है और उनके रंग में रंगा हुआ है, डूबा हुआ है। होली खेलने के लिए मैं संतोषरूपी शील का उपयोग गुलाल की तरह किया है और मेरे श्री कृष्ण ही मेरी पिचकारी हैं।
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Explanation:
Let u be the velocity with which the ball hits the ground, then
u 2
2gh
=
2×
9.8×
10=
196
∴
u=
14m/sec
If v be the velocity with which it rebounds, then
v 2
2×
9.8×
2.5=
49
⇒
v=
7m/sec
∴
Δv=
(v−u)
=
(7m/sec)−
(−14m/sec)
=
21m/sec
∴
a=
Δ t
Δ v
=
0.01
21
=
2100m/s
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