Hindi, asked by kaptansingh01, 6 months ago

उपसर्ग किसे कहते हैं किन्ही 10 उपसर्ग का अर्थ एवं उन से बने पदों के वाक्य प्रयोग करके लिखिए​

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Answered by arvindku200755
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Answer:

उपसर्ग ऐसे शब्दांश जो किसी शब्द के पूर्व जुड़ कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं। उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है - किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।

उदाहरण:

प्र + हार = प्रहार, 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे 'प्र' शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा - 'प्रहार' (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना।

आ + हार = आहार, 'आ' जोड़ने से आहार (भोजन)

सम् + हार = संहार (विनाश)

वि' + हार = विहार' (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे।

उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं।

उपसर्ग की तीन गतियाँ या विशेषताएँ होती हैं-

1. शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।

जैसे-

प्र + बल = प्रबल

अनु + शासन = अनुशासन

2. शब्द के अर्थ को उलट देना।

जैसे-

अ + सत्य = असत्य

अप + यश = अपयश

3. शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना।

जैसे-

वि + शुद्ध = विशुद्ध

परि + भ्रमण = परिभ्रमण

उपसर्ग शब्द-निर्माण में बड़ा ही सहायक होता है। एक ही मूल शब्द विभिन्न उपसर्गों के योग से विभिन्न अर्थ प्रकट करता है।

जैसे-

प्र + हार = प्रहार : चोट करना

आ + हार = आहार : भोजन

सम् + हार = संहार : नाश

वि + हार = विहार : मनोरंजनार्थ यत्र-तत्र घूमना

परि + हार = परिहार : अनादर, तिरस्कार

उप + हार = उपहार : सौगात

उत् = हार = उद्धार : मोक्ष, मुक्ति

हिन्दी भाषा में तीन प्रकार के उपसर्गों का प्रयोग होता है-

संस्कृत के उपसर्ग : कुल 22 उपसर्ग

हिन्दी के अपने उपसर्ग : कुल 10 उपसर्ग

विदेशज उपसर्ग : कुल 12 उपसर्ग

ये उपसर्ग जहाँ कहीं भी किसी संज्ञा या विशेषण से जुड़ते हैं, वहाँ कोई-न-कोई समास अवश्य रहता है। यह सोचना भ्रम है कि उपसर्ग का योग समास से स्वतंत्र रूप में नये शब्द के निर्माण का साधन है। हाँ, समास के कारण भी कतिपय जगहों पर शब्द-निर्माण होता है।

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