उपसर्ग और प्रत्यय 30
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Explanation:
शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ मतलब लाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतरउपसर्ग प्रत्यय
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतरउपसर्ग प्रत्यय(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतरउपसर्ग प्रत्यय(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।(b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतरउपसर्ग प्रत्यय(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।(b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। (b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतरउपसर्ग प्रत्यय(a) उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। (a) प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है।(b) उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है।उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। (b) प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है।उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है।