उपयोगिता हास नियम की व्याख्या चित्र द्वारा कीजिए
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संक्षेप में, जब एक व्यक्ति अपनी किसी आवश्यकता की सन्तुष्टि किसी एक वस्तु की इकाइयों के निरन्तर उपभोग से करता है तो हर अगली इकाई से मिलने वाली उपयोगिता अर्थात् सीमान्त उपयोगिता गिरती चली जाती है। अर्थशास्त्र में इस आर्थिक प्रवृत्ति अथवा नियम को सीमान्त उपयोगिता हास नियम कहते हैं।
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